गलवान घाटी में जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद हुआ था तब रणनीति के जानकारों ने कहा था कि चीन हमेशा पलट कर वार करने की कोशिश करता है । लगता है वह बात फिर से सच होती हुई दिखाई दे रही है । लद्दाख में चीन की वायुसेना ने अभी हाल ही में युद्धाभ्यास किया है और चीन की वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में अपनी गतिविधियां तेजी से बढ़ा दी हैं। सूत्रों के मुताबिक भारत ने अपनी तैयारियों को बनाए रखने के लिए उत्तरी सीमाओं में राफेल लड़ाकू विमानों सहित अपने लड़ाकू विमान बेड़े को भी सक्रिय कर दिया है।
शिनजियांग और तिब्बत स्वायत्त सैन्य क्षेत्र में स्थित सात चीनी सैन्य ठिकानों पर नजर रखने के लिए उपग्रहों और निगरानी के अन्य रूपों का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारतीय वायुसेना के फॉरवर्ड एयरबेस को पश्चिमी और उत्तरी मोर्चों पर स्थितियों से निपटने के लिए तैयार किया गया है।
भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान भी एलएसी पर अभ्यास करते हुए दिखाई दिए हैं. बताया जा रहा है कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फ़ोर्स (PLAAF) ने हाल के दिनों में अपने कई एयरबेस को अपग्रेड किया है, जिसमें रहने के लिए कैंप का निर्माण, रनवे की लंबाई का विस्तार और अतिरिक्त फोर्स की तैनाती शामिल है।
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