अवैध रूप से भारत में आकर अलीगढ़ में बसे रोहिंग्या परिवार अब शासन स्तर से हो रही कार्रवाई से दहशत में हैं। वे अब यहां से वापस म्यांमार जाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका मकसद है कि किसी तरह की कार्रवाई न हो और वे चुपचाप यहां से चले जाएं। इसे लेकर मंगलवार को कुछ लोगों ने एलआईयू दफ्तर पहुंचकर इस विषय में जानकारी की और काम न मिलने के कारण खाने-पीने तक की समस्या बताई। इधर, अब मकदूम नगर वाले भी उन्हें रखने को तैयार नहीं हैं।
2009-10 के आसपास से अलीगढ़ में रोहिंग्या का आना शुरू हुआ है। एक दौर तो ऐसा था कि यहां की मीट फैक्टरियों में कई सैकड़ा रोहिंग्या काम करते थे और शहर के ही मकदूम नगर व उसके आसपास के इलाके में रहते थे। इसके अलावा कुछ रोहिंग्या शाहजमाल, भुजपुरा, जीवनगढ़ इलाके में भी बसे थे। बाद में सियासी सरपरस्ती में उन्हें भारतीय आधार कार्ड, वोटर कार्ड तक मिले। मगर मौजूदा सरकार के स्तर से अवैध रूप से बसे रोहिंग्या के खिलाफ चल रही कार्रवाई के क्रम में लगातार अवैध रूप से, फर्जी दस्तावेजों के सहारे रह रहे रोहिंग्या पकड़े जा रहे हैं। इसी क्रम में यहां से सोना व महिला तस्करी से जुड़े रफीम व आमीन भी पकड़े गए हैं। उनसे एटीएस अभी पूछताछ कर रही है। उनसे जुड़े अन्य लोगों की खोज का प्रयास चल रहा है।
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