बिहार के मीडिया में चर्चा – कहीं भाजपा नीतीश के समर्थन में बड़े अंडर करेंट का संकेत तो नहीं मनोज तिवारी की सभाओं में उमड़ती भीड़

तेजस्वी चारा सेल के पत्रकारों ने बंद कर दिया तेजस्वी की रैली की फ़ोटो दिखाकर खबर बनाना

बिहार के चुनाव में एक अनोखा मोड़ आया हैं। तेजस्वी यादव को हीरो बनाकर पेश करने की कोशिश में लगा मीडिया का एक वर्ग सन्नाटे में हैं। जैसे जैसे फर्स्ट राउंड की वोटिंग का दिन पास आता जा रहा हैं , जमीन पर एक अंडर करेंट महसूस होने लगा हैं। इस अंडर करेंट की पहचान दरअसल तब होनी शुरू हुई जब बिहार के सुदूर इलाको से मनोज तिवारी की जनसभाओं की तस्वीर और वीडियो वायरल होने शुरू हुए।

बांका, बोधगया, गेरुआ जैसे इलाको में हजारों हजारो की भीड़ की फ़ोटो और वीडियो धीरे धीरे सोशल मीडिया और टीवी चैनलों तक पहुंचने लगी। इन तस्वीरों को देखकर चुनाव एक्सपर्ट्स का मानना है कि शायद भाजपा नीतीश के समर्थन में एक बड़ी अंडर करेंट हैं जिसको पढ़ने में पत्रकारों और नेताओं से देरी हो गयी हैं।

शुरुआत में तेजस्वी चारा सेल के नाम से जाने जाने वाले कुछ पत्रकारों ने एक माहौल बनाने की कोशिश जरूर की थी। मीडिया के एक खास वर्ग ने खबरें चलाई कि तेजस्वी यादव की जनसभाओं में बडी भीड़ आ रही हैं। लेकिन जैसे ही मनोज तिवारी की जनसभाओं की तस्वीरें वायरल होनी शुरू हुई, मीडिया द्वारा शुरू हुई सुगबुगाहट तुरन्त टीम गयी। और बात शुरू हो गयी मनोज तिवारी की जनसभाओं की:

ट्रकों, टेम्पो, खम्बो पर चढ़े लोग, स्कूलों, ऊंचे भवनों की दीवारों से रैली को सुनती भीड़, रैली में एक जोश और उत्साह का माहौल एक पॉजिटिव जन समर्थन का संकेत हैं।

अब चर्चा शुरू हो गयी है कि शायद बिहार में एक अंडर करेंट है भाजपा नीतीश की सरकार के समर्थन में और जैसे जैसे वोटिंग का दिन पास आ रहा है , वैसे वैसे ये अंडर करेंट एक बड़ी लहर में बदलता दिख रहा हैं।

इन तस्वीरों को देखिये, 10 नवम्बर को पता चलेगा कि ये केवल मनोज तिवारी को देखने सुनने आयी भीड़ है या भाजपा नीतीश गठबंधन के पक्ष में लहर

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