एक देहाती कहावत है यदि आदमी जरुरत से ज्यादा काबिल हो जाए या फिर खुद को समझने लग जाए जाए तो बस फिर समझिये की समाज को उसके बाद से ही उसकी असली काबलियत और औकात का पता चलता है | 

दशहरा पर , महिषासुर जयंती , रावण पूजन आदि सब का नया चलता षड्यंत्र तो सनातन के विरूद्ध चल ही रहा है मगर लाखों लोगों के जन प्रतिनिधि और उससे भी बढ़कर भारतीय बुद्धिजीवी के रूप में पूरी दुनिया में अपना ज्ञान बघारने वाले शशि थरूर , वो थरूर जो अपने जीवन में किताबे और प्रेयसियां मदिरा के एक जाम की तरह बदलते हैं , बकौल उनके :- 

अब जाहिर सी बात है कि , भाजपा और उसके करोडो, समर्थक तो वैसे ही जन्मजात भक्त घोषित हैं और जय श्री राम उद्घोषक हैं तो फिर ये सन्देश थरूर जी ने आखिर भेजा किसे ? आज जब बुराई पर अच्छाई के जीत के प्रतीक के रूप में दशहरा मना रहा है न सिर्फ देश बल्कि दुनिया भी तब आखिर रावण के किस वशंज को हैप्पी दशहरा बोल रहे हैं थरूर साहब ?

वैसे आप जैसों से अपेक्षा भी क्या की जाए ? आपकी पार्टी ने सर्वोच्च न्यायालय तक में शपथ पत्र दाखिल कर के कहा था कि राम सेतु काल्पनिक है उसका भारत के लिए कोई पौराणिक महत्त्व नहीं है | अब राम जन्म भूमि मंदिर निर्माण की सारी प्रक्रिया देख कर आपकी लिब्रान्डु गैंग की हाय दैया होरही है और ये सब उसकी ही खुजली है , है न ?

कांग्रेस जो पहले ही अपने भस्मासुर के शाप से फलित हो जाने के कारण गद्दी वाले ट्रैक्टर पर चढ़ने के बावजूद सड़क पर गड्ढे में गिर के घायल है वहां उनके पर्सनल दुर्योधन ने उत्पात मचाया हुआ है ,ऐसे में जो रही सही कसर है तो समय समय पर जरूर साब जरूर बोलकर पूरी कर देते हैं |

जय माहिष्मती , जय कटप्पा |

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