हिंदुस्तान ने किस तरह से अपने नायकों को भुला दिया और उसके बदले प्रोपेगेंडा के नायक चुन लिए गए इसका खामियाजा देश को हमेशा भुगतना पड़ा है। भारत के सही इतिहास को भुला देने में वोट बैंक की राजनीति का सबसे प्रमुख योगदान रहा है। चंद वोटों के लिए जो राजनीतिक पार्टियां अपने नायकों को भुला देती है वह खुद इतिहास के कूड़े के ढेर में तब्दील हो जाती है। आपको बताते हैं उत्तर प्रदेश की एक ऐसी कहानी जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे… अभी हाल ही में असदुद्दीन ओवैसी ने सैयद सालार गाजी की दरगाह पर चादर चढ़ाई है और यूपी में अपने चुनावी मिशन का आगाज किया है। सैयद सालार गाजी महमूद गजनी का भांजा था जिसने भारत पर हमला किया था और जिसे उस वक्त के पराक्रमी राजा सुहेलदेव ने जंग में हराया था।
जिस सैयद सालार गाजी ने अयोध्या का नामो निशान मिटाने के लिए हिन्दुस्तान पर आक्रमण किया था, उसकी दरगार पर चादर चढ़ाकर ओवैसी अपने यूपी मिशन का आगाज कर रहे हैं। ओवैसी की मंशा साफ है, उनपर गाजी बनने का भूत सवार है…. सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर जियारत के साथ मिशन यूपी का आगाज करके उन्हें इसका खुला पैगाम भी दे दिया है. क्योंकि इसी सैयद सालार गाजी ने सन् 1034 में हिन्दुस्तान पर अपने डेढ़ लाख सैनिकों के साथ आक्रमण किया था।
उसकी मंशा अयोध्या और भगवान राम के वजूद को तहस-नहस करने की थी, लेकिन राजा सुहेलदेव ने अद्भुत पराक्रम के साथ सैयद सालार गाजी का मुकाबला करते हुए डेढ़ लाख सैनिकों के साथ उसकी कब्र खोद दी थी, लेकिन कमाल देखिए साहब कि उसी पराक्रमी राजा सुहेलदेव के नाम पर सियासत करने वाले राजभर को ओवैसी के सैयद सालार गाजी की दरगाह पर जाने से कोई आपत्ति नहीं है।
हैरानी की बात है सैयद सालार गाजी जो एक हमलावर था और जिसे जंग में राजा सुहेलदेव ने हराया था उसकी मजार बना दी गई। आखिर ऐसा किस देश में होता है कि मुल्क पर हमला करने वाले हमलावरों की मजार और दरगाह बनाकर उन्हें नायक बना दिया जाता है… पिछले 70 साल में कांग्रेस पार्टी ने देश के राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक अभिमान की समझ को विकसित ही नहीं होने दिया जिसका परिणाम यह रहा कि मंदिर तोड़ने आए हमलावरों की मजार बना दी गई और उन्हें देश का हीरो बना दिया गया।
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