तमिलनाडु में स्टालिन सरकार ने जब से सत्ता संभाली है मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का हिंदू विरोधी चेहरा सामने आने लगा है. लेकिन अब तो स्टालिन के मंत्रियों का परिवार भी इसमें शामिल होता दिख रहा है. दरअसल हिन्दू विरोधी मानी जाने वाली राज्य की स्टालिन सरकार में कुछ दिनों से लगातार हिन्दुत्व पर हमला किया जा रहा है .. तमिलनाडु में स्टालिन सरकार पर किस तरह हिन्दू विरोधी सेकुलर सोच हावी है इसका एक और उदाहरण दिया है स्टालिन सरकार के एक मंत्री की बहू ने। डीएमके विधायक मर्सी सेंथिल कुमार ने मांग की है कि देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी किसी पास्टर, पादरी और नन की गिरफ्तारी से पहले वेटिकन के पोप से परमिशन लेने का कानून बनाया जाना चाहिए।
स्टालिन सरकार में मंत्री पेरियासामी की पुत्रवधु मर्सी सेंथिल कुमार के इस विवादित बयान से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कम्यून की रिपोर्ट के मुताबिक मर्सी अर्बन नक्सली स्टेन स्वामी की याद में डिंडिगुल में हुए एक कार्यक्रम में शामिल होने गई थी . नक्सल हिंसा समर्थक स्टेन स्वामी यलगार परिषद-भीमा कोरगांव हिंसा का एक आरोपी था, लेकिन उसकी याद में आंसू बहाने पहुंची मर्सी ने वहां अपने भाषण में उसे ‘समाज के लिए अपनी पूरी जिंदगी न्योछावर करने वाला’ बताया। मंत्री की बहू इतने पर ही नहीं रुकीं उन्होंने इस भाषण के दौरान एक सवाल भी पूछे कि अपनी पूरी जिंदगी सेवा में लगा देने वाले पादरियों और ननों को हम कितना सम्मान दे पा रहे हैं?
मर्सी ने स्टेन के लिए ‘दर्दभरे’ अपने भाषण में कहा कि भारत में शिक्षा और समझ पादरी और नन ही लेकर आए। देश में ज्यादातर शिक्षण संस्थान पादरी और नन ही चला रहे हैं।
आपको याद होगा कुछ दिनों पहले कन्याकुमारी में द्रमुक के खांदी वफादार फादर जार्ज पोन्नैया ने हिन्दू धर्म के खिलाफ जहर उगला था। वह भी नक्सली हिंसा के समर्थक स्टेन स्वामी की याद में भाषण दे रहा था। उसने कहा था कि हिन्दुओं के कितने ही मंदिर बना दो, कितने ही मंदिरों का जीर्णोद्धार करा दो, उनका वोट तुम्हें नहीं मिल पाएगा। वोट की भीख देकर तुम्हें जिताने वाले हैं हम ईसाई और मुसलमान समुदाय के लोग हैं . तुम अपने हुनर और काबिल से नहीं जीतते। हालांकि इस आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद फादर जार्ज पोन्नैया को गिरफ्तार कर लिया गया ।
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