जम्मू कश्मीर में केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है कि वह जम्मू कश्मीर के विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए पुनर्वास का एक पोर्टल शुरू करने जा रही है, साथ ही एक बड़ा कदम यह कहकर उठाया जा रहा है कि वहां की यूनिवर्सिटी , सड़क और स्मारकों का नाम मृत कश्मीरी पंडितों के नाम पर रखा जाएगा।
इस मुद्दे पर जम्मू कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कविंद्र गुप्ता ने कहा कि ‘1989-90 में बहुत बड़ी त्रासदी हुई थी वहां का सारा हिंदू समाज वहां से उन्हें निकाला गया, मंदिर तोड़े गए और टीका लाल टकलू जो भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष थे उनकी शहादत हुई। कश्मीरी पंडित बीते 30 साल से देश में दरबदर हो रहे हैं… आज कश्मीर के खिलाफ वाली आवाजों पर पाबंदी लगा दी गई है उन्हें रोक दिया गया है। जिन लोगों ने कश्मीर के लिए शहादत दी है उनके नाम पर नाम रखा जाना एक अच्छा कदम है… मंदिरों का वहां पुनरुद्धार भी किया जा रहा है… गुंडागर्दी और जबरदस्ती के साथ कश्मीरी पंडितों की संपत्ति हड़प ली गई और अब पोर्टल बनाकर उनकी जमीन उन्हें वापस दी जा रही है…।’
जाहिर है जम्मू कश्मीर में मृत कश्मीरी पंडितों के नाम पर सड़कों का नाम रखा जाना और वहां पर पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाना अपने आप में बताता है कि 1990 के बाद से लेकर अब तक कश्मीर में जो कश्मीरी पंडितों के साथ किया गया उसका न्याय होने का वक्त आ गया है।
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