मुग़ल बादशाह शाहजहाँ के समय के इतिहासकारों के लेखन और कुछ दस्तावेज़ों से पता चलता है कि दारा शिकोह को दिल्ली में हुमायूं के मक़बरे में कहीं दफ़न किया गया था.

मोदी सरकार ने दारा की क़ब्र को पहचानने के लिए पुरातत्वविदों की एक कमेटी बनाई है जो साहित्य, कला और वास्तुकला के आधार पर उनकी क़ब्र की पहचान करने की कोशिश कर रही है.

दारा शिकोह शाहजहाँ के सबसे बड़े पुत्र थे. मुग़ल परंपरा के अनुसार, अपने पिता के बाद वे सिंहासन के उत्तराधिकारी थे.

लेकिन शाहजहाँ की बीमारी के बाद उनके दूसरे पुत्र औरंगज़ेब ने अपने पिता को सिंहासन से हटाकर, उन्हें आगरा में क़ैद कर दिया था.सरकार ने दारा की क़ब्र की पहचान करने के लिए पुरातत्वविदों की जो टीम बनाई है, उसमें पुरातत्व विभाग के पूर्व प्रमुख डॉक्टर सैयद जमाल हसन भी शामिल हैं.

वो कहते हैं, “यहाँ लगभग एक सौ पचास क़ब्रें हैं जिनकी अभी तक पहचान नहीं हुई है. यह पहचान का पहला प्रयास है. “हुमायूं के मक़बरे के मुख्य गुंबद के नीचे जो कक्ष बने हुए हैं, हम वहाँ बनी क़ब्रों का निरीक्षण करेंगे. उन क़ब्रों के डिज़ाइन को देखेंगे. अगर कहीं कुछ लिखा हो तो उसकी तलाश करेंगे. कला और वास्तुकला के दृष्टिकोण से हम लोग यह कोशिश करेंगे कि दारा की क़ब्र पहचानी जा सके.”

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