महिलाओं को लेकर तालिबान की घटिया सोच और उसकी बेहद गिरी हुई मंशा अब धीरे-धीरे दुनिया के सामने आने लगी है. पहले तालिबान ने सरकार में महिलाओं की भागीदारी का वादा किया था. लेकिन अब तालिबान ने अपनी घटिया सोच दुनिया के सामने जाहिर कर दी है.
दरअसल तालिबान ने महिलाओं को लेकर बेहद ही शर्मनाक बयान दिया है. तालिबान के प्रवक्ता सैयद जकीरुल्ला हाशमी से जब ये सवाल पूछा गया कि तालिबान सरकार में महिलाओं को जगह क्यों नहीं दी गई तो उनका जवाब था कि ‘ये एक तरह से बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे महिलाएं किसी भी हाल में धारण नहीं कर सकती हैं।’ तालिबानी की तरफ से साफ करते हुए कहा गया है कि महिलाओं का कैबिनेट में होना बिल्कुल जरूरी नहीं है और महिलाओं का काम सिर्फ बच्चों को जन्म देना है’।
जाहिर है ऐसा बयान महिलाओं को अंधकार युग में धकेलने वाला है. महिलाओं की काबीलियत को भला ऐसे कट्टरपंथी सोच वाले लोग कैसे हजम कर सकते हैं. सत्ता हासिल करने के समय महिलाओं को उनके अधिकार देने की बात करने वाले तालिबान के सुर सत्ता हथियाते ही बदल गए हैं। मतलब साफ है उन्हें उतने ही अधिकार दिए जा रहे हैं, जितने से वे जिंदा रहने के लिए सांस ले सकें। कुछ दिनों पहले एक तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हुई थी जिसमें एक क्लास रूम में एक तरफ लड़के पढ़ाई कर रहे थे और दूसरी तरफ लड़कियां और उनके बीच में पर्दा लगा हुआ था. इससे समझा जा सकता है कि वहां के लोगों को कैसी आजादी मिली है ?
अफगानिस्तान में अलग-अलग जगहों पर अपने अधिकार की मांग को लेकर महिलाएं लगातार प्रदर्शन कर रही हैं. महिलाएं सरकार में हिस्सेदारी की मांग कर रही हैं. उनका कहना है कि तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया था, तो कहा था कि वह अपनी सरकार में महिलाओं को भी शामिल करेगा, लेकिन तालिबान अब महिलाओं पर अत्याचार कर रहा है।
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