टेलीविजन इन दिनों बौड़म से भी बौड़म और जानबूझ कर बदमाशी करने वालों का अड्डा सा बन कर रह गया है , प्रयोग , नई सोच , अभिव्यक्ति और जाने किन किन शब्दों की ढाल में कुछ भी उल जलूल और हिम्मत अब इतनी बढ़ती जा रही है कि -चलो कुछ नहीं तो सनातन संस्कृति है न -शूल बरसाने के लिए।

मूढ़ों दुनिया भर के 50 लोग खुद को बुद्धिजीवी मान कर उस दुनिया को ये बताने की घनघोर भाषणबाजी कर के चुके हैं जिस आधी दुनिया को भारत ने कोरोना के उस समय में भी उसका हाथ साथ साथ थामे रहा जब बड़े बड़े देशों ने हाथ खड़े कर लिए, वो भारत और हिंदुत्व दुनिया के लिए खतरा है । कमाल है । और उसी सनातन के किसी भी बिंदु को लेकर कुत्सित मानसिकता का परिचय दे देते हो।

मान्यवर ब्रांड की महिला परिधान ब्रांड के नए विज्ञापन में आलिया भट्ट लाडो रानी बन कर अपने विज्ञापन वाले मम्मी पा दादी सबको समझा देती है चंद सेकेंडों में की फलाना ब्रांड के कपडे पहनते ही आप सनातन जीवन संस्कृति के एक महत्वपूर्ण संस्कार विवाह के किसी प्रक्रिया को कैसे तोड़ मरोड़ कर लघुतर करने की कोशिश कर लेते हैं।

तो लाडो आलिया , इससे पहले की तुम्हें कुछ और कहा जाए ये , विवाह ,परिवार , समाज , देश इन संस्थाओं की समझ पहले आपको अपने पिताश्री , फिर बाकी परिवार को समझाना चाहिए। यकीन मानिये उन्हें भी ये सब समझना उतना ही जरूरी है जितना आपको अपने सामान्य ज्ञान को बढ़ाना।

असल में गलती आलिया भट्ट की कम इसलिए भी मानी जा सकती है क्यूंकि उनकी परिपक्व समझ की झलक सबको वे बराबर देती रहती हैं लेकिन इस विज्ञापन को तैयार करने वाले को जरूर शाबासी दी जानी चाहिए कि भाई -तुम्हारे जैसे परम ज्ञानी लोगों को संस्कृति ,परम्पराओं ,त्यौहारों और खासकर सनातन के उनको थोड़ा सा बख्श दो न यार। अब जाहिर सी बात है शादी तो उनकी भी होती है न जो एक दुसरे को मदिरा की प्याला पिला कर वहीँ सार्वजनिक रुप से चूमा चाटी कर लेते हैं। और ऐसी सभी शादियों में लोगबाग कपडे ही पहनते होंगे , तो थोड़ा ध्यान उधर दें न।

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