अरे रे रे , ये मैं नहीं कह रहा भाई बल्कि ये तो खुद अंजुम अपने यू ट्यूब चैनल पर कूद कूद कर कई बार ताल ठोक कर चुनौती देते समय ही बोल गए थे और अब लोगबाग भला कहाँ भूलने वाले -ट्विट्टर पर मांग की जा रही है इस हैशटैग के साथ -झुक अंजुम सलामी दी।
असल में रविश कुमार ,बरखा दत्त , राजदीप सरदेसाई और अजीत अंजुम जैसे पत्रकार जो केंद्र में लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ , देश पर सत्तारूढ़ हो , नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ जैसे समर्पित राष्ट्रसेवी संतान हों , उनके विरूद्ध भी पूर्वाग्रह और द्वेष की भावना से लगातार ग्रस्त रहने वाला ये तथाकथित गुट , अंतरजाल ,और उसमें नई मीडिया के रूप में सोशल मीडिया के मुखर हो जाने के बाद बार बार अपने गिरे चरित्र और राष्ट्र विरोधी सोच की असलियत लोगों के सामने आ गई।
कल्पना करके देखिये , आज जिस मुख्यमंत्री के शासन और राजकीय कार्यों के निष्पादन को लेकर आस्ट्रेलिया ,अमेरिका और फ्रांस तक की सरकार एवं प्रशासन प्रशंसा करते नहीं थक रहा , उस मुख्यमंत्री को ये पत्रकार जी जो अपने आप को भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर की इकलौती आवाज़ समझने के मुगालते में रहते हों यु ट्यूब पर , मतलब यू ट्यूब न होगया , फन्ने खान हो गया।
असल में अजीत अंजुम ने चुनौती देते हुए योगी सरकार से एक निश्चित समय सीमा के अंदर 9 करोड़ लोगों के टीकाकरण की चुनौती दी थी। लेकिन योगी सरकार ने अपने प्रस्तावित टीकाकरण के विशेष महाभियान को गंभीरता से लेते हुए समय से कहीं पहले 9 नहीं बल्कि 10 करोड़ लोगों का टीकाकरण करके एक मानक स्थापित कर दिया।
तो अंजुम भाई जान अब लगे हाथों आप एक और यु ट्यूब वीडियो शूट कर -तोहफा कबूल कीजिए , माफ़ी सलामी सब कबूल फरमाइए वाला योगी जी के पते पर भिजवाने का प्रयास करियेगा – मन होगा तो योगी जी देख भी लेंगे , क्या समझे , अजी हाँ
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