तबलीगी जमात को लेकर इन दिनों फिर से चर्चा गरमा गई है. तबलीगी जमात आतंकवाद का द्वार खोलने का काम करता है ऐसा दावा सऊदी अरब की सरकार ने किया और फिर देखते ही देखते हर तरफ हो-हल्ला मचना शुरू हो गया. कोई सऊदी अरब की सरकार को कोसने में जुटा हुआ है तो कोई भारत में भी इसे बैन करने की मांग कर रहा है।
वर्ष 2011 में मीडिया रिपोर्ट्स में विकीलीक्स के दस्तावेजों से ये खुलासा किया गया था कि तबलीगी जमात के आतंकवादी संगठन अलकायदा से संबंध रहे हैं. इन दस्तावेजों के हवाले से ये कहा गया था कि अलकायदा के कुछ गुर्गों ने पाकिस्तान की यात्रा के लिए वीजा प्राप्त करने के लिए इस जमात की मदद ली थी, यानी इसका इस्तेमाल किया था।
आतंकी संगठन अलकायदा के कम से कम तीन गुर्गों, जिनमें एक सोमालियाई फाइनेंसर और एक सुडानी भर्तीकर्ता शामिल था, उसने ‘जिहाद’ छेड़ने की अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए तबलीगी जमात (टीजे) का इस्तेमाल किया।
इसलिए सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर एक बार फिर तबलीगी जमात को बैन करने के लिए बड़ा ट्रेंड चल रहा है।
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