यूँ तो कांग्रेस पार्टी अपने आप में ही इतनी आत्ममुग्ध रहती है कि उसे आज तक यही लग रहा है कि , भारत कांग्रेस के बिना कुछ नहीं है और कांग्रेस की सरकारों की बदौलत ही आज तक , यहाँ तक पहुँचा है। इसलिए ही इनके सभी नेतृत्वकर्ता और राजनेता भी इस देश और इसके लोगों को आज तक अपनी बपौती समझते आए हैं। पिछले एक दशक से बार बार बुरी तरह नकारे जाने के बावजूद कांग्रेस और उनके युवराज अभी भी इस देश को कांग्रेसी शब्दकोष से गढ़े गए नए शब्द और उनका अर्थ बता रहे हैं।
ये वही कांग्रेस है जिसने कुछ समय पहले तक -“भगवा आतंकवाद ” जैसा घृणित शब्द और पूरे सनातन और भगवा को बदनाम करने के लिए न सिर्फ गढ़ा बल्कि इसकी आड़ में येन केन प्रकारेण पूरे देश में हिन्दू साधू संतों और साध्वियों तक पर अमानवीय अत्याचार तक ढाए , उन पर मुक़दमे दर्ज़ करके उन्हें जेलों में डाल दिया।
अब जबकि कांग्रेस सत्ता से न सिर्फ बेदखल हो गई है बल्कि हिन्दुओं के प्रति अपना द्वेष और घृणा रखने ,जाहिर करने की मानसिकता के कारण अपने अस्तित्व से भी मिटने के कगार पर है इसके बावजूद भी कांग्रेस के शीर्ष नेता -राहुल गाँधी अपने नए शाब्दिक जाल -हिन्दू और हिंदुत्व -की आड़ में एक बार फिर से हिन्दुओं के प्रति अपनी घृणित और पूर्वाग्रह से ग्रस्त सोच को ज़ाहिर करते और फिर उसे कुतर्कों से उसे साबित करने लगते हैं।
असल में राहुल गाँधी को पहले -कांग्रेस और कांग्रेसी -का फर्क समझना चाहिए और खासकर वो अर्थ और अंतर जो इस देश की जनता अब खूब अच्छे से समझ गई है।
तिलक , पटेल , सुभाष आदि जैसे सभी क्रांतिकारी -कांग्रेस थे जबकि गाँधी ,जिन्ना ,नेहरू और इनके बाद इंदिरा से लेकर राजीव और राहुल प्रियंका तक सब के सब कांग्रेसी।
देश की राजनीति में अपना योगदान और सेवा देकर उसे आगे बढ़ाने वाले कार्य कांग्रेस के थे जबकि उन्हीं कार्यों की आड़ में , लाखों और करोड़ों का घोटाला करने वाले तमाम लोग कांग्रेसी थे।
गरीबी हटाओ का नारा देने वाली कांग्रेस थी जबकि इस देश को गरीब बनाए रखने वाले कांग्रेसी। हमेशा ही हिन्दुओं से नफरत करने वाली , मुस्लिमों के लिये तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति करने वाली कांग्रेस थी और चुनावों के समय मंदिर मंदिर भटकने , माथा टेकने , तिलक लगा कर नकली हिन्दू बनने वाले तमाम कांग्रेसी।
अपनी दल द्वारा शासित राज्यों में हो रहे भ्रष्टाचार , अपराध पर जो चुप्पी साध ले वो कांग्रेस और अन्य दलों द्वारा शासित राज्यों में इन्हीं सब बातों पर धरना , प्रदर्शन , आंदोलन , सड़क जाम करने वाले कांग्रेसी l
देश की सेना और जवानों की बातें करने वाली कांग्रेस और हर बार सेना का अपमान करने वाली , फौजियों को नीचा दिखाने ,चीन और पाकिस्तान की गोद में बैठ जाने वाले तमाम कांग्रेसी।
ये फेहरिश्त उतनी ही लम्बी है जितने कांग्रेस के कुकर्म , इसलिए राहुल गाँधी को तफ्सील से बैठ कर पहले “कांग्रेस और कांग्रेसी” का अर्थ और इन दोनों का ये अंतर अच्छी तरह समझने का प्रयास करना चाहिए अन्यथा वे जल्दी ही गाँधी जी के स्वप्न कि -कांग्रेस को पूरी तक ख़त्म कर दिया जाना चाहिए – को बहुत जल्दी ही पूरा कर देंगे।
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