असली किसान बिल क्या ? सच्चा हिन्दुस्तानी खुद पहले खुद पढ़ेगा – फिर आम किसान को समझाएगा – बताएगा, कुछ गद्दारों की हरकतें किसानों के नाम पर…!!
सीधा हिसाब
सबसे अधिक गेहूँ कहाँ उगता है ? – पंजाब में ।
सबसे अधिक गेहूं कौन खरीदता है ? –
FCI
FCI किससे खरीदता है ? – बड़े बड़े आड़तियों से ।
पंजाब की सबसे बड़ी आड़ती कंपनी कौन है ? – सुखविंदर एग्रो
सुखविंदर एग्रो किसकी कंपनी है ?- हरप्रीत बादल की।*
सबसे अधिक गेहूं कहाँ सड़ता है ?- FCI के गोडाउन में ।
सड़ा हुआ गेहूं कहाँ काम आता है ? – सड़ा हुआ गेहूँ शराब बनाने में काम आता है ।
सड़ा गेहूँ कौन बेचता है और वह भी सबसे कम दाम पर ? – FCI बेचता है ।
सबसे अधिक शराब की खपत कहाँ होती है ? – पंजाब में ।
हमेशा “खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय” किसके पास रहता है ? – हरप्रीत बादल के पास रहता है।
ऐसा ही सब कुछ महाराष्ट्र में भी चल रहा है ।
शराब की भट्टियां किसकी हैं ? – कांग्रेस + एनसीपी के नेताओं की ।
चीनी के कारखाने किसके कब्जे में हैं ? – कांग्रेस के और राकांपा के नेताओं के कब्जे में हैं ।
चीनी के कारखानों में क्या उत्पादन होता है ? – चीनी और एल्कोहल दोनों ।
एल्कोहल का उपयोग कहाँ होता है ?-
शराब बनाने के लिए ।
ऐसा ही यह सीधा सा हिसाब है, आया क्या आपके ध्यान में ?*
और मोदी ने इस संबंध को नष्ट कर दिया है, आया कुछ समझ में ?
अब आया आपको समझ में कि मोदी जी का विरोध क्यों कर रहे हैं ये भ्रष्टाचारी लोग ?
ध्यान दें पंजाब का किसान अंदोलन, जिसमें पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए हरे रंग का झंडा फहराया जाता है, खालिस्तानी आतंकवादियों की तस्वीरें लगाकर देश विरोधी नारे लगाए जाते हैं, “इंदिरा गांधी को उड़ा दिया था, मोदी भी उड़ा देंगे……” ऐसे आह्नान किये जा रहे हैं (YouTube पर यह सब देखा जा सकता है ।)
ज्ञानी लोगों को समझ में आता है कि, किसान लोग निश्चित रूप से ऐसा उद्योग नहीं करेगा ! शेष आप स्वयं निर्णय करें ।
किसानों को एमएसपी के नाम पर भूमि अधिग्रहण के नाम पर उत्पादन और बिक्री के बीच बिचौलियों के नाम पर भूमि भाड़ा पहुंचाने के नाम पर और ना जाने कैसे-कैसे बिना सर बिना पैर की बातें बता कर किसानों को गुमराह करने का प्रयास कुछ लोग कर रहे हैं जबकि सच्चाई एकदम अलग है सच्चाई यह है कि वर्तमान केंद्र सरकार ने किसानों के हित के लिए जो पिछले 70 वर्षों में खुद 130 करोड़ लोगों के खाने की व्यवस्था करने वाला किसान आज आत्महत्या पर मजबूर है उसके ऊपर केंद्र सरकार ने विचार करते हुए किसान के हित और अधिकार के लिए उसे तथा उसके आने वाली पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इस किसान बिल को लागू किया और यह बिल अगर सच्चे मायने में देखा जाए समझा जाए और पढ़ा जाए तो किसी भी सूरत में किसान के लिए नुकसानदेह नहीं है एक सच्चा राष्ट्रवादी यही कर सकता है कि भाई इस बिल और बिल के अंदर मुख्य बिंदुओं को पढ़ें किसानों के बीच जाए और किसानों को समझाएं निश्चित रूप से किसान ने कभी पिछले 70 वर्षों में विद्रोह नहीं किया है किसान ने सरकार की नीति व नियमों के आधार पर चलकर सच्चे राष्ट्रवादी होने का सबसे बड़ा सबूत दिया है किसान एक ऐसी कौन है जिसने हिंदुस्तान की संरचना में हिंदुस्तान की वर्तमान व्यवस्था में हिंदुस्तान को सम्मान से खड़ा रखने में अपना सब कुछ लगा दिया वह किसान कॉम हिंदुस्तान का नुकसान नहीं कर सकती पिछले 2 वर्ष 2 महीनों से जो देश में अशांति फैलाने का प्रयास किया जा रहा है केवल किसानों के नाम पर चंद बिचौलिए है जो केवल और केवल किसानों को गुमराह कर रहे हैं किसानों के नाम को बदनाम कर रहे हैं
जैसे-जैसे किसान खुद जागरूक होगा वैसे वैसे इन दलालों का यह आंदोलन अपने आप खत्म हो जाएगा क्योंकि यह चंद दलाल हैं जो कुछ सत्ता में रहते हैं कुछ सत्ता के बाहर रहते हैं लेकिन इनका मकसद केवल एक रहता है कि किसानों के नाम पर किसानों की व्यवस्था गिरवा कर किसानों के हक और अधिकार को कैसे भी करके डकार लिया जाए, अब जब वर्तमान केंद्र सरकार ने किसान भी लागू करके इनकी जेब पर चोट करने का प्रयास किया तो यह बिलबिला उठे और किसानों के नाम पर विरोध करने के अलावा इनके पास अब कोई चारा नहीं बचा जिसकी सारी जानकारी ऊपर दी गई है आप पढ़िए समझिए और फिर निर्णय करिए निर्णय करने के बाद आप पढ़ लीजिए कि हम कम से कम सच्चे 10 किसानों को इसके प्रति जागरूक करेंगे ताकि वह सामने आए और उनके नाम से हो रहे हैं यह सामाजिक विरोध का विरोध वह किसान दर्ज करवाएं
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बहुत सटीक एवं पूर्ण विश्लेषण