जम्मू कश्मीर की महबूबा मुफ़्ती जी कहती थीं कि अनुच्छेद 370 को जिस दिन हॉंथ लगाया गया उस दिन घाटी में तिरंगा थामने वाला कोई नहीं मिलेगा।
“घाटी की महबूबा जी ” को यह चित्र यकीनन देखना चाहिए।
कश्मीर में तिरंगा अब शान से लहरा भी रहा है और वहां के बच्चे इसे गौरव के साथ थाम भी रहे हैं।
ये नया भारत है। ये मात्र नेहरू का भारत नहीं है अब यह पटेल का भी है। इस देश की एकता-अखण्डता को जो तोड़ने की कोशिश करेगा ये देश उसे कभी माफ नही करेगा।
घाटी में जो खेल पिछले 70 सालों से खेला गया है, अलगाववादियों ने जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में आतंक का वातावरण बनाया है, आतंकवादियों को पनाह दी है और इस देश के साथ घटिया राजनीति करते हुए जम्मू कश्मीर का जो सत्यानाश किया है, वह जम्मू कश्मीर अब नया जम्मू कश्मीर बनेगा। और जम्मू कश्मीर से एक नए भारत की शुरुआत होगी और इस नए भारत में ना आतंकवादी ना अलगाववादी ना महबूबा मुफ्ती ना गिलानी कोई भी इस देश के साथ खिलवाड़ नही कर सकेगा।
जम्मू कश्मीर में ना तो मानवाधिकार का हनन होगा, ना लोकतंत्र की हत्या। इतना जरूर याद रखने की जरूरत है कि अगर कोई भी इस नए भारत मे राष्ट्रद्रोह का कार्य करेगा तो उसे किसी भी कीमत पर बक्शा नही जाएगा।
नेहरू अपने स्वार्थ के लिए कश्मीर की जो समस्या इस देश के ऊपर थोप कर गए थे, सही मायनों में अब जाकर उसका इलाज मिला है।
एक तरफ जहॉं इस देश का युवा अपने हाथों में कलम और कम्यूटर लेकर, ज्ञान और टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारत को आगे बढ़ाने का सपना देख रहा है। वहीं महबूबा, अब्दुल्ला और अलगाववादी नेता जम्मू कश्मीर के युवाओं के हॉंथ मे AK47 पकड़ा कर उन्हें आतंक के रास्ते पर भेज कर कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बनाने का सपना पाल बैठे थे ।
घाटी के दलाल नेताओ को अब ये समझ लेना चाहिए कि ये नया हिंदुस्तान है और इस नए हिंदुस्तान के ऊपर जो आंख उठा कर देखेगा उसकी आंखें सलामत नहीं रहेंगी।
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