अगर बैंक की लाइन में मृत्यु के ज़िम्मेदार मोदीजी है, तो 1947 विभाजन के नरसंहार का ज़िंम्मेदार कौन ? बस वैसे ही पुछ रहा हुँ

अगर बैंक की लाइन में मृत्यु के ज़िम्मेदार मोदीजी है, तो हजारो निर्दोष सिखो की हत्या का जिम्मेदार कौन ? बस वैसे ही पुछ रहा हुँ

अगर बैंक की लाइन में मृत्यु के ज़िम्मेदार मोदीजी है, तो हज़ारो कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का ज़िंम्मेदार कौन ? बस वैसे ही पुछ रहा हुँ

अम्बानी ,अदानी, सिंघवी, टाटा, बिरला, माल्या, ललित मोदी,
ये मोदी के कार्यकाल में अरबपति बने थे क्या ???

क्या 85 अरबपतियों को जो 90 हजार करोड़ का लोन दिया गया था, क्या वो मोदी के समय दिया गया …??

जिस भी अफसर के घर छापा डाला जाए… तो करोड़ रुपये तो उसके गद्दे के नीचे ही मिल जाते है …
क्या ये मोदी के काल में कमाए गये ….????

किस हद की मूर्खता पूर्ण देश भर में बातें है.

मोदी के काल में तो माल्या के 8000 करोड़ के लोन के जवाब में ED ने उसकी 9120 करोड़ की संम्पत्ति को कब्जे में ले लिया है ..

बस यही गलती हुई है कि मोदी अकेला भ्रष्ट लोगो के खिलाफ लड़ रहा है…

और

हमारे देश में नमक और नमकहराम दोनों पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं ….
व्यक्तिगत रूप से आप बीजेपी के विरोधी हो सकते हैं।
बीजेपी की नीतियों के विरोधी हो सकते हैं ये एक सामान्य प्रकिया है..
और इसमें कुछ गलत भी नहीं है…

परंतु आप आलोचक की हद को पार करके घृणित-निंदक बनकर PM की आलोचना कैसे कर सकते हैं…?

आप उस व्यक्ति की आलोचना कर रहे हैं जो लगभग 15 सालों से CM के बाद, अब PM रहते हुए भी अपनी सैलेरी राष्ट्र को दान करता आ रहा है PM हाउस में अपना खर्चा स्वं उठाता आ रहा है..।

मोदी जी की निंदा-रस में डूबते समय क्या आपको खयाल आया है कि क्या आपने कभी 1 महीने की सैलेरी राष्ट्र को दान किया है…?

240 की LPG-Subsidy तो आप छोड़ नहीं पाते, बाकी.. क्या आप में हिम्मत है 1 साल की सैलेरी राष्ट्र को दान कर दें…? तो फिर आप उस व्यक्ति की निंदा कैसे कर सकते हैं जो 15 सालों से ये सब करता आ रहा है….?

3 बार गुजरात का CM रहने के बावजूद किसके पास कोई बड़ी संपत्ति नहीं है, परिवार को भी जिसने VIP सुविधाओं से महरूम कर रखा है ।

जिस PM के विदेशी दौरों को आप सिर्फ घूमने फिरने का नाम देते हैं जबकि असली उदेश्य व्यापारिक समझौते और आपसी सम्बन्ध को सुधारना होता है।

एक 70 साल का व्यक्ति 6 दिन में 5 देशों की यात्रा करता 40 महत्वपूर्ण मीटिंग में भाग लेता है। देश का पैसा बचाने के लिए ऐसी प्लानिंग करता है जिससे होटल में कम से कम रुका जाए, और, फ्लाइट में नींद पूरी की जाये….
उसके दौरे को आप सिर्फ भ्रमण का नाम देते हैं..?

वैश्विक मंदी और ख़राब मौसम की मार झेलने की बाद भी देश पर आंशिक प्रभाव पड़ा है…
और देश आगे बढ़ रहा है, क्या इतना काफी नहीं है..?

अगली बार PM की निंदा करने से पहले अपने गिरेबान में झांककर देखें और अपने आप से तुलना करें कि जिसकी आप निंदा कर रहे हैं, क्या उसके पैरों की धूल के बराबर आप हैं या नहीं..?

कितने शर्म की बात है…..
एक तरह जिस व्यक्ति को सारा विश्व सम्मान दे रहा है….
वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग (जो उसी देश के हैं) उसी सम्मान को गलत साबित करने पर तुले हैं… निवेदन है की इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें और अपने देश के प्रधानमंत्री की गरिमा को मज़बूत बनाये ।।

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