डासना मंदिर पर शिवलिंग का अपमान करने की मंशा से गए आसिफ की पिटाई पर पूरे देश में गिद्ध मीडिया और सेकुलर जमात ने हाय तौबा मचा दी। डासना मंदिर के बाहर स्वामी यति नरसिंहानंद के आदेश से जो बोर्ड लगा हुआ है उसको लेकर बसपा विधायक मोहम्मद असलम चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि वह शुक्रवार को डासना मंदिर मुसलमानों को लेकर जाएंगे और वहां ऐसे बोर्ड लगाने का कोई औचित्य नहीं है। 


असलम चौधरी, सेकुलर जमात और लिबरल गैंग को यह बात बताते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है कि वहां ‘मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है’ लिखे हुए बोर्ड को हटा दिया गया है और वहां पहले से भी बड़ा बोर्ड लगा दिया गया है। जी हां डासना मंदिर के बाहर लगे बोर्ड को लेकर तमाम लिबरल और सेकुलर जमात हो हल्ला मचा रहे थे मगर अब स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने वहां पहले से मौजूद बोर्ड से भी बड़ा बोर्ड मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर लगा दिया है जिस पर साफ तौर पर लिखा गया है कि यहां इस मंदिर में मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है।

यह बड़ा बोर्ड बताता है कि जब जब हिंदू एकजुट हुआ है तब तब उसने बड़े-बड़े हमलावर इरादों को ऐसे ही नेस्तनाबूद कर दिया है। यह बड़ा बोर्ड कहता है कि अगर सनातन धर्म एकजुट है तो उसको धमकी देने वाले खुद ही यू-टर्न ले लेते हैं। यह बड़ा बोर्ड बताता है कि अब देश का हिंदू जाग रहा है।

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