हेमंत सोरेन की सरकार की छत्रछाया में किस तरह जिहादियों का हौसला बढ़ा है ये किसी से छिपा नहीं है. हेमंत सरकार की तुष्टीकरण की नीति की वजह से मानो पूरा झारखंड झुलस रहा है। इसकी बानगी हाल के दिनों में झारखंड में हम देख चुके हैं.
इसी कड़ी में एक बार फिर झारखंड के खूंटी जिले में कट्टरपंथियों ने रामनवमी से पहले निकाले जाने वाले जुलूस पर हमला किया है। आपको बता दें कि हर साल रामनवमी से पहले आखिरी मंगलवार को हिंदु मंगलवारी जुलूस निकालते हैं। इसी तरह से मंगलवार यानी 5 अप्रैल को पूरे झारखंड में ऐसे ही जुलूस पांच जगहों पर निकाले गए। जुलूस निकाले जाने की परंपरा काफी पुरानी है जिसकी वजह से इसमें शामिल होने के लिए लोग दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं. बच्चे-महिलाएं सभी शामिल होते हैं।
कुछ बुद्धजिवियों की मानें तो खूंटी जिले में ये हिंदुओं की श्रद्धा पर ही हमला नहीं किया गया है बल्कि जिहादियों ने सरकार की तरफ से मिले संरक्षण में हिंदुओं को चुनौती दी है कि अब वे अपने मुहल्ले से किसी हिंदू को निकलने नहीं देंगे। यही कारण है कि रात लगभग नौ बजे जब जुलूस आजाद रोड के पास पहुंचा तो कुछ जिहादियों ने घरों की छतों से पत्थरों से हमला कर दिया। जुलूस में शामिल कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। वहीं हमले के विरोध में 6 अप्रैल को खूंटी बंद का आह्वान किया गया था .
इस दौरान सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि घटना में पुलिस के समझाने के बाद भी जिहादियों की तरफ से पथराव नहीं रुक रहा था. वहीं प्रशासन की तरफ से भी एक भी जिहादी को गिरफ्तार नहीं किया गया उल्टे तोरपा थाना क्षेत्र के दो हिंदू युवकों को ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके विरोध में तोरपा के बीजेपी विधायक कोचे मुंडा थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि इस पूरे मामले में जिहादियों पर कड़ी कार्रवाई न करके पुलिस हिंदुओं को ही परेशान करने का काम कर रही है।
वैसे देखा जाए तो झारखंड में जब से हेमंत सोरेन की सरकार बनी है तब से जिहादियों को सरकार की तरफ से मानो खुली छूट मिल गई है कुछ भी करने की. कुछ दिनों पहले फरवरी में सरस्वती पूजा के विसर्जन के दौरान हजारीबाग के बरही प्रखंड में कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों ने 17 साल के रूपेश पांडे की हत्या कर दी थी। पूरे देश में ये खबर आग की तरह फैल गयी. रुपेश पांडे को इंसाफ दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतर गए लेकिन मजाल है जो झारखंड सरकार ने इस मामले को लेकर कुछ बोला हो. मतलब साफ है झारखंड सरकार तुष्टीकरण के सहारे ही अपनी सियासत की गाड़ी आगे बढ़ाना चाहती है.
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