रामनवमी से लेकर हनुमान जयंती तक जिस तरह से हिंदुओं पर भयानक हिंसा हुई है उसने देश में एक अजीबो गरीब स्थिति पैदा कर दी है. मध्य प्रदेश से लेकर झारंखड तक, गुजरात से लेकर राजस्थान तक और अब हिंसा की आंच दिल्ली तक पहुंची . इन दंगों में हिंदुओं पर हमले किये गए, उनके घरों पर पत्थरबाजी की गई कुल मिलाकर दिल्ली में शनिवार 16 अप्रैल को जो हुआ, वह 2020 के दिल्ली दंगे को दोहराने की तैयारी थी .
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस की जांच में सामने आया कि जहांगीरपुरी हिंसा के तार भी दिल्ली दंगे से जुड़े हुए हैं. आपको याद होगा कि कैसे शाहीन बाग़ में दिन रात हिंदुओं के खिलाफ नारे लगाये जाते थे, हिंदुत्व को उखाड़ फेंकने के लिए तरकीब निकाली जाती थी .
एक बार फिर देश के अलग-अलग हिस्सों में दंगे कराने की सुनियोजित तरीके से साजिश रची जा रही है . वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के खरगोन से लेकर दिल्ली हिंसा में हिंदुओं को ही दोषी ठहराने की हर कोशिश की जा रही है. दंगे में पत्थर फेंकने वाले लोगों से हमदर्दी रखने वाले लोगों ने एक झूठ जो फैलाकर रखा हुआ था कि रमजान तो शांति का महीना होता है, उसमें हिंसा नहीं की जाती है .
मतलब साफ है कि पहले ये लोग दंगे करेंगे फिर विक्टिम कार्ड भी खेलेंगे. दरअसल दिल्ली में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा में आरोपी अंसार को समाजसेवी बताया जा रहा है, लेकिन उससे ये सवाल नहीं किया जा रहा है उसके पास इतनी संपत्ति कहां से आई. आम आदमी पार्टी से उसके जुड़े होने की बात सामने आयी. तो वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में दंगाइयों को बचाने वाला खेमा अब दूसरे तरीके की अफवाह फैलाने का काम कर रहा है .
ऐसी ही एक अफवाह आजकल सोशल मीडिया के जरिये फ़ैलाई जा रही है जिसमें वसीम शेख नाम के एक शख्स को दिखाया जा रहा है उसकी गुमटी तोड़ दी गयी है और वसीम के दोनों हाथ कटे हुए हैं। अफवाह फैलाई गयी कि “मध्यप्रदेश सरकार ने इनकी गुमटी तोड़ दी, क्योंकि आरोप के मुताबिक उन्होंने शोभायात्रा पर ‘पत्थर’ चलाया था।”
यह वसीम शेख हैं. मध्यप्रदेश सरकार ने इनकी गुमटी तोड़ दी, क्योंकि आरोप के मुताबिक उन्होंने शोभायात्रा पर 'पत्थर' चलाया था.
वसीम के दोनों हाथ 2005 मे ही एक हादसे में कट गये थे. pic.twitter.com/qz5pLdxJNP
— Umesh K. Ray (@Umesh_KrRay) April 18, 2022
वायर जैसे कई और पोर्टल्स के पत्रकारों ने भी मौके को लपकते हुए वसीम की तस्वीर को खूब शेयर किया. लोगों ने इसे यह कहते हुए शेयर किया कि मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहा है. वहीं खास समुदाय के तारणहार विनोद कापड़ी भला इसमें कहां पीछे रहने वाले थे.
वसीम शेख़ भी पत्थर फेंकने वालों में शामिल था ना @ChouhanShivraj ?? https://t.co/cyBEMGBNlk
— Vinod Kapri (@vinodkapri) April 18, 2022
लेकिन वसीम का वीडियो वायरल हुआ और ये घटना झूठी साबित हो गई. जब वसीम शेख ने शाम को कहा कि “मेरी गुमटी नहीं तोड़ी गयी है! न ही मेरा घर तोड़ा गया है। लोग मेरा नाम लेकर अफवाहें न फैलाएं।”
https://t.co/IxYGfF88qt sach jab tak chalana suru hota hai jhoot pure duniya ke chaker kaat wapas aa jata hai Abhishek bhai
— viveknanda (@vivekna85184472) April 19, 2022
साभार-ट्वीटर
वहीं प्रशासन की ओर से कहा गया कि जो लोग झूठी ख़बरें फैलाते हुए पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे!”
यह बेहद ही चिंता का विषय है जहां एक तरफ हिंदु खुद बिना किसी वजह के मजहबी हिंसा का शिकार हो रहा है तो वहीं फेक न्यूज फैलाकर उल्टे हिंदुओं पर ही दंगे का दोष मढ़ा जा रहा है. मतलब साफ है कहीं न कहीं दंगाईयों से भी ज्यादा घातक हैं फेक न्यूज फैलाने वाले. जाहिर है ऐसे फेक न्यूज फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी ही चाहिए.
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