तीस्ता सीतलवाड़ मतलब पत्रकार, राजनेता, NGO, कुछ वकीलों और आतंवादियों का ऐसा गठजोड़ जो इस देश को दीमक की तरह खा रहा था
विदेशी पैसों से देश को जलाने वाला पूरा गैंग सामने आएगा जिस दिन तीस्ता सीतलवाड़ का असली सच देश के सामने आएगा
जब जलियांवाला बाग का आदेश देनेवाले जनरल डायर पर पूरे विश्व की मीडिया से दबाव बड़ने लगा तब अंग्रेजों ने इसकी जांच के लिए एक हंटर कमेटी बनाया था।
लॉर्ड विलियम हंटर इस कमेटी के अध्यक्ष थे और इस कमेटी में सिर्फ 2 भारतीय थे पंडित जगत नारायण मूल्ला और सर चिमनलाल हीरालाल सेतलबाड़।
जगत नारायण मुल्ला मोती लाल नेहरू के घनिष्ठ मित्र और उनके छोटे भाई नन्दलाल नेहरू के समधी थे।
अंग्रेजों ने विश्व के सामने यह दिखाने के लिए दो भारतीयों पंडित जगत नारायण मुल्ला और सर चिमनलाल हीरालाल सेतलवाड को हंटर आयोग का सदस्य बनाया था लेकिन यह दोनो अंग्रेजों के पाले हुए गुलाम थे।
हंटर आयोग ने जनरल डायर को जलियांवाला बाग केस से बरी कर दिया।
इसका इनाम अंग्रेजों ने चमन लाल हीरा लाल सेतलवाड को सर की उपाधि देकर नवाजा।
जगत नारायण मुल्ला तो नेहरु के सगे रिश्तेदार थे और सर चिमन लाल हीरा लाल सेतलवाड नेहरू के बहुत अच्छे मित्र थे।
देश आजाद होनेके बाद प्रधानमंत्री नेहरू ने उनके पुत्र एम.सी. सीतलवाड़ को भारत का पहला अटार्नी जनरल (1950 से 1963) बनाया था।
चिमन सीतलवाड़ तीस्ता चिमन सीतलवाड़ के सगे परदादा थे।
एम.सी सीतलवाड़ का बेटा था अतुल सेतलवाड जो मुंबई हाईकोर्ट का वकील था।इसी की बेटी है तीस्ता जावेद सेतलवाड।
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