झारखंड का सियासी पारा एक बार फिर चढ़ा हुआ है . इसी के साथ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी पर खतरा मंडराता दिख रहा है. दरअसल खनन पट्टा मामले में अपनी कुर्सी बचाने के लिए हेमंत सोरेन आज चुनाव आयोग के सामने पेश होकर अपनी दलील पेश करेंगे . इस लिहाज से CM हेमंत सोरेन के लिए मंगलवार का दिन काफी अहम है।

दरअसल, हेमंत सोरेन के नाम पर झारखंड में खनन पट्टा आवंटित हुआ था। सीएम रहते ये पट्टा मिलने पर झारखंड हाईकोर्ट में तो उनके खिलाफ केस हुआ ही, शिकायत मिलने पर राज्य के राज्यपाल ने उसे चुनाव आयोग तक भेज दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर पूछा था कि क्यों न उनकी विधानसभा सदस्यता को रद्द किया जाए ? इस नोटिस का जवाब हेमंत सोरेन ने भेजा था। जिसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें निजी तौर पर तलब किया था। हेमंत सोरेन इसी वजह से आज आयोग के सामने अपने वकील के साथ पेश होंगे।

दरअसल, सीएम रहते लाभ का दूसरा साधन लेने का मामला हेमंत सोरेन के खिलाफ बन रहा है। झारखंड हाईकोर्ट में सरकार ये मान चुकी है कि हेमंत सोरेन को नियमों का उल्लंघन कर खनन पट्टा दिया गया। जिसके बाद हाईकोर्ट ने भी सख्त रुख अपना रखा है। अब अगर चुनाव आयोग जांच के बाद पाता है कि सोरेन ने नियमों का उल्लंघन कर लाभ का दूसरा जरिया हासिल किया, तो उनकी सदस्यता तक जा सकती है। हेमंत सोरेन को आज निजी तौर पर पेश होकर ये बताना है कि उनके नाम जारी खनन पट्टे से उन्होंने कोई लाभ हासिल नहीं किया।

इधर इन सबके बीच सोमवार को चुनाव आयोग में पेशी से ठीक एक दिन पहले हेमंत सोरेन ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। जिसके सियासी गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं लेकिन राज्य सरकार की ओर से इसे सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट बताया जा रहा है .

दरअसल हाल के दिनों में हेमंत सोरेन की सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद राज्य की सोरेन सरकार बैकफुट पर आ गई है और राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने उनके सारे कच्चे-चिट्ठे खोलने शुरू कर दिये हैं. झारखंड में लगातार बीजेपी की तरफ से राजनीतिक हमले से झारखंड सरकार मुश्किल में दिख रही है . हेमंत सरकार पर बीजेपी की तरफ से लगाए जा रहे एक के बाद एक आरोप सोरेन के राजनीतिक करियर के लिए बेहद नुकसानदायक है. इतना ही नहीं CM सोरेन के लिए मामला इस कदर बिगड़ सकता है कि राज्य में उनका जनाधार भी ध्वस्त हो जाए तो कहा नहीं जा सकता।

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