बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने हाल के दिनों में कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिसमें किसी एक खास समुदाय के हितों को साधने की कोशिश होती दिखी है. चाहे निजी हिंदू मंदिरों पर टैक्स लगाने का मामला हो या फिर गया जिले में अपने पितरों के पिंड दान करने आने वाले हिंदुओं से टैक्स वसूलने का ममाला हो. हर बार उनके इस तरह के फैसले ये बताते हैं कि वे मुस्लिम तुष्टीकरण के हिमायती बनते जा रहे हैं. लेकिन अब नीतीश कुमार के ही पदचिन्हों पर उनकी राज्य की पुलिस भी चलती दिख रही है.
दरअसल पूरे देश में इस समय लीना मणिमेकलाई की डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ के अपमानजनक पोस्टर को लेकर बवाल मचा है लेकिन इसी बीच TMC सांसद महुआ मोइत्रा के मां काली पर दिये अपमानजनक बयान के बाद हिंदु समुदाय के लोग बेहद गुस्से में हैं. जिसके बाद बीजेपी समेत कई हिंदुवादी सगंठनों ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की है. इसी कड़ी में देश के कई राज्यों में महुआ मोइत्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है . लेकिन बिहार में तो कुछ अलग ही खिचड़ी पकती दिख रही है !
दरअसल बिहार की राजधानी पटना में FIR दर्ज करवाने गए बीजेपी नेता को पुलिस ने थाने से भगा दिया। बीजेपी नेता मां काली पर विवादित पोस्टर शेयर करने वाली फिल्ममेकर और मां काली पर विवादित बयान देने वाली टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ FIR दर्ज करवाने थाने पहुंचे थे . कोतवाली के थानेदार ने कहा ‘ये यहां का मामला नहीं है इसलिए हम एफआईआर नहीं दर्ज कर सकते हैं। आपको अगर ज्यादा परेशानी हो तो आप कोर्ट जा सकते हैं। ‘ इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिसमें बिहार बीजेपी के कला संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक बरुण सिंह कार्यकर्ताओं के साथ शिकायत दर्ज करवाने पटना के कोतवाली थाने पहुंचे थे. लेकिन कोतवाली थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने यह कहते हुए उनकी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया कि वे राजनीति चमकाने आए हैं।
माँ काली पर आपत्तिजनक पोस्टर बनाने वाली फिल्ममेकर लीना और TMC सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ पटना में BJP नेता FIR करने पहुँचे.
थानेदार ने ये कहकर लौटा दिया कि वो यहाँ राजनीति चमकाने आए हैं.
कोतवाली के बाद BJP नेता DSP के पास पहुँचे लेकिन वहाँ भी शिकायत दर्ज नहीं हुई. बातचीत सुनिए pic.twitter.com/2R46qMGKgT
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) July 7, 2022
साभार-सोशल मीडिया
सवाल ये कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और बंगाल में पुलिस ने फिल्म ‘काली’ के विवादित पोस्टर को लेकर और मां काली पर दिये अपमानजनक बयान को लेकर पुलिस ने FIR दर्ज की है तो फिर ऐसे में CM नीतीश कुमार की पुलिस को FIR दर्ज करने में क्या परेशानी है ? वो भी तब जब बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही सरकार में बीजेपी भी उसकी साझेदार है।
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