बिहार पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI से जुड़े एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ के साथ ही कई बड़े खुलासे किये। पुलिस ने भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के लिए पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया और एक दस्तावेज का पता लगाया, जिसमें देश की आजादी की 100 वीं वर्षगांठ यानी 2047 तक भारत में “इस्लामी राष्ट्र” स्थापित करने की योजना पर चर्चा की गई है।
इस खबर को तमाम मीडिया और अखबारों ने छापा. लेकिन आतंकी परवेज के परिजनों ने अपनी बात रखने के लिए कुछ ही मीडिया वालों को चुना है. पटना के फुलवारी शरीफ में परवेज के परिवार वालों ने अपने घर के बाहर एक पर्चा चिपकाया है जिसमें उन्होंने तीन मीडिया चैनल्स का नाम लिख कर कहा है ‘ONLY ALLOWED’. और उसके नीचे तीनों चैनल्स के नाम लिखे हैं. आप सोच रहे होंगे कि वो तीन चैनल्स कौन-कौन से हैं जिनसे एक आतंकी के परिवार वाले बात करने को तैयार हुए है.
इनमें सबसे पहला नाम है NDTV का, एनडीटीवी का अलगाववाद और आतंकवाद के प्रति प्रेम किसी से छुपा नहीं है। जब भी भारत के ख़िलाफ़ दुनियाभर में रणनीति बन रही होती है तब NDTV भारत विरोधी लोगों को खुद को डिफेंड करने का मंच देने का काम करता है. NDTV आतंकियों का एजेंडा चलाने में पीछे नहीं रहता है इसके कई उदाहरण आपको मिल जाएंगे.
वहीं आतंकियों के परिजनों की लिस्ट में दूसरा नाम है The Wire का जिनके लिए आतंकियों के घर के दरवाजे खुले हैं. ये वही द वायर है जिसने अपने खबरों के जरिये कई बार ये साबित किया है कि जब भी देश में एक समुदाय विशेष के खिलाफ कोई मामूली सी घटना भी घटती है, तो ये तुरंत उसमें सांप्रदायिक एंगल जोड़कर ‘इस्लामोफोबिया’ जैसे शब्दों का प्रचार करना शुरू कर देता है। वहीं कई बार तो इसने आतंकवादियों का बचाव करने की भी कोशिश की .
इसके बाद तीसरा नाम है BBC का. बीबीसी के बारे में ये विख्यात है कि वो भारत विरोधी मामलों में जरूरत से ज़्यादा दिलचस्पी लेकर पूरी दुनिया में अपना भारत विरोधी एजेंडा परोसने का काम करता है. चाहे कश्मीरी पंडितों का पलायन हो या फिर दिल्ली हिंसा की एकतरफा रिपोर्टिंग हो .
जाहिर है बीबीसी हो NDTV हो या फिर The Wire ऐसे सभी एजेंडावादी न्यूज़ चैनल्स ने भारत को दुनिभार में बदनाम करने और भारत के लोकतंत्र पर हमला करने के लिए झूठी खबरों का कई बार सहारा लिया है।
अब ऐसे में आतंकी परवेज के परिजनों ने इन वामपंथी और देश के खिलाफ अपना एजेंडा चलाने वाली मीडिया को अपने घर बात करने के लिए न्योता दिया है .अपने घर के दरवाजे इनके लिए खोले हैं. क्या अब भी ये बताने की जरुरत है कि आतंकियों का पसंदीदा चैनल कौन है ?
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