एक करोड़पति अभिनेता पैसों और प्रचार के लिए नंगा हो रहा है।
एक अभिनेत्री One Night Stand (एक रात किसी गैर मर्द के साथ अय्याशी) में गर्भवती हो गई ये बात वह बड़े गर्व से बता रही है।
Ooops Movment के नाम पर करीना, मलाईका अरोरा जैसी अधबूढ़ी औरतों से लेकर नई नई अभिनेत्रियां भी मीडिया का ध्यान खींचने पब्लिक प्लेस पर अपने कपड़े सरकाती घूम रहीं हैं। हिजड़ा करण जौहर टीवी शो में एक अभिनेता से अपनी उम्र से आधी लड़की (अनन्या पांडे) के सामने सेक्स की बातें कर रहा है और सब खिल खिलाकर हंस रहे हैं। मियां नसरुद्दीन की पत्नी ‘करवा चौथ’ जैसे पवित्र व्रत पर सवाल उठा रहीं हैं और सलाह दे रही हैं कि विधवा होना कौन सा बुरा है।
शादी, तलाक, ब्रेकअप, अय्याशी, शराबखोरी, नंगापन, इनके लिए आम बात है। और हम इन “नशेड़ी भड़वों और भाँडो” को सेलिब्रिटी कहते हैं। इनको करोड़ों कमा के देते हैं, इन्हें विज्ञापन से लाखों मिलते हैं क्योंकि इनका चेहरा देख हम प्रोडक्ट खरीदते हैं।
याद रखिये इस दाऊद वुड का उद्देश्य हम हिंदुओं की संस्कृति, संस्कार , रीति रिवाज, मान मर्यादा को छिन्न भिन्न करना है और बहुत हद तक वो सफल भी रहे हैं समय के साथ इनका दुस्साहस बढ़ता जा रहा है।
समय पर इनको नहीं रोका तो अनर्थ निश्चित है क्योंकि एक पीढी ये बर्बाद कर चुके हैं। बॉलीवुड में 10% ही लोग सही हैं बाकी 90% इस्लामिक संगठन, दाऊद कंपनी और हरामी वामपंथियों की हाथ की कठपुतली हैं।
खुद को सेलिब्रिटी समझने वाले बॉलीवुड के ये भांड हर समय राष्ट्र और धर्म को खंडित करने का प्रयास निरंतर करते रहते हैं हिंदुस्तान के अस्तित्व की बात आती है तो यह खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं हिंदुस्तान में रहना वही हिंदुत्व के रूप में जब जब हिंदू धर्म के त्यौहार आते हैं तब तब उसकी खिलाफत के रूप में अपने ज्ञान का पिटारा खोलकर हिंदू धर्म के त्योहारों और रीति-रिवाजों का खुलकर मजाक उड़ाते हैं फिर वह भले ही महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर दूध चढ़ाना हो या फिर रक्षाबंधन के त्यौहार पर बहन का भाई को राखी बांधना हो या फिर दीपावली पर पटाखे फोड़ने से लेकर होली के त्यौहार पर रंगों से खेलना हो बॉलीवुड के ये भांड हिंदुस्तान जिस व्यवस्था के लिए जाना जाता है हिंदुत्व की विरासत को खंडित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते फिल्मों के माध्यम से भी छोटी-छोटी बातों पर केवल और केवल धर्म को तोड़ने की नीति से यह लोग फिल्में बनाते हैं
फिल्म शोले में मुस्लिम चाचा का किरदार केवल यह बात कह कर दिखाते हैं क्यों नमाज के प्रति कितना समर्पित है नमाज के सामने वह अपने बेटे की बलि देने से भी नहीं कराता है वही ऐसी सैकड़ों फिल्में आपको देखने को मिल जाएगी जिसमें पंडित पुजारी या माथे पर तिलक लगाकर भगवा पहने हुए व्यक्ति को यह नकारात्मक रोल में दिखाते हैं उसे गुंडा मवाली बलात्कारी के रूप में दिखाते हैं जबकि इस तरह से प्रदर्शित करते हैं कि अगर आप मस्जिद की मजार पर चादर चढ़ाएंगे तो वहां आपकी सारी मन्नते पूरी हो जाएगी हाजी मौला हाजी मौला के नाम से पूरी फिल्म के अंदर केवल और केवल इस बात की ओर ध्यान आकर्षित करवाना चाहते हैं अल्लाह ही श्रेष्ठ है इस व्यवस्था को समझने की जरूरत है ताकि भावी पीढ़ी सुरक्षित हो सके मंगलसूत्र मांग में सिंदूर और करवाचौथ जैसी पारंपरिक व्यवस्थाओं के ऊपर मजाक उड़ा कर मानवता तथा दायरे की दुहाई देने वाली यह भांड लोगों को पहचानने की जरूरत है अब जब इनका बहिष्कार होने लगा है तब कहीं ना कहीं इन की अकल ठिकाने आने लगी है समय-समय पर इनकी दी गई प्रतिक्रिया के ऊपर हमारे द्वारा की गई क्रिया ही इन्हें भविष्य में इस तरह की हरकतों से निजात दिलवाने में मददगार साबित होगी ।
ऐसे लोग हमारे आदर्श कभी नहीं हो सकते यह बात हमें हमारी भावी पीढ़ी को बतानी होगी हमारे धर्म और राष्ट्र को बचाने के लिए जो जरूरी है उन संस्कारों को संजोने का प्रयास हमें करना होगा सही और गलत का एहसास हमें हमारी भावी पीढ़ी को बताना होगा जिससे वह ना केवल खुद बच सके बल्कि संस्कारों को भी बचाने में उनके प्रयास सार्थक हो ऐसी हमारी कोशिश रहनी चाहिए ।।
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