मदर टेरेसा की आज पुण्यतिथि है। आज ही के दिन उन्होंने लाखों हिंदुओं का धर्मांतरण कर प्राण त्यागे थे। आज उन्हीं मदर टेरेसा की याद में इंटरनेशनल चैरिटी डे मनाया जा रहा है, हैरानी कि बात है कि भारतीय संस्कृति में दान की महिमा वेदों के समय से बताई गई और अब ये पश्चिम वाले हमें चैरिटी करना सिखा रहे हैं। हमारी संस्कृति में हमें सिखाया जाता है कि एक हाथ से दिया गया दान हजारों हाथों से लौटकर आता है।
प्रगट चारि पद धर्म के कलि महुँ एक प्रधान।जेन केन बिधि दीन्हें दान करई कल्याण।।
अर्थात धर्म के चार चरण सत्य दया तापुर दान प्रसिद्ध हैं जिनमें से कलयुग में दारु पी चरण ही प्रधान है जिस किसी प्रकार से भी दिए जाने पर दान कल्याण ही करता है।
अब ऐसी संस्कृति के लोगों के साथ इंटरनेशनल चैरिटी डे मनाने के नाम पर मुफ्त चावल और आटा देकर कन्वर्जन का खेल चलाया जा रहा है। आज मिशनरीज ऑफ चैरिटी के तमाम संस्थानों में फ्री चावल और आटा दिया जाएगा और फिर लोभ लालच के सब्जबाग दिखाकर मासूम हिंदुओं को धर्मांतरण की सूली पर टांग दिया जाएगा।
मेसीडोनिया में जन्मी मदर टेरेसा ने कोलकाता को ईसाई मिशनरीज के लिए मुफीद इसलिए पाया क्योंकि वहां गरीब लोग थे जिन्हें आसानी से लालच देकर ईसाई बनाया जा सकता था। प्रार्थना के नाम पर रोग ठीक कर देने का दावा करने वाली मिशनरीज ऑफ चैरिटी की तमाम सिस्टर आज भी अपना इलाज महंगे अस्पतालों में करवाती हैं। मदर टेरेसा ने गरीब मदद की आड़ में ईसाई धर्मांतरण की जो दुकान खोली थी उसे वेटिकन से करोड़ों डॉलर में आर्थिक मदद मिलती थी। कभी भी मदर टेरेसा ने इन पैसों का हिसाब देना भारत सरकार को मुनासिब नहीं समझा और धर्मनिरपेक्षता के दलदल में फंसी सरकारों ने वोट बैंक के लालच में कभी कानून को काम करने भी नहीं दिया। मदर टेरेसा के धर्मांतरण को भारत में प्रसिद्ध करवाने के लिए बीबीसी जैसी संस्था ने खूब मदर टेरेसा का प्रचार किया। बीबीसी ने मदर टेरेसा को चमत्कारिक दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और ये बीबीसी की धर्मांतरण पत्रकारिता का ही नतीजा था कि मदर टेरेसा को भारत में लोकप्रियता मिली।
1950 में कलकत्ता में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना करने से लेकर प्राण त्यागने तक मदर टेरेसा ने लाखों हिंदुओं का धर्मांतरण करवा दिया था। सवाल है कि क्या कलकत्ता से गरीबी दूर हो गई? सवाल है कि क्या कन्वर्ट हुए हिंदुओं के दुख दर्द दूर हो गए? जवाब एक ही मिलेगा…नहीं!! मगर चमत्कार देखिए कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी की आमदनी दो दूनी रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ती चली गई।
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