कांग्रेस शासित राजस्थान में जिस तरह सियासत बैसाखी के सहारे खड़ी है ठीक उसी तरह सूबे की कानून-व्यवस्था भी लंगड़ी हो गयी है. अपराधियों में कानून का डर नहीं है. बेटियों की सुरक्षा भगवान भरोसे है. हालत ये है कि राजस्थान में बेटियों के रेप और अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और सरकार चैन की नींद सो रही है. गहलोत सरकार के शासन में बलात्कार, हत्या जैसे मामले ने गहलोत सरकार की घटिया प्रशासन को उजागर कर दिया है।
एक बार फिर कांग्रेस शासित राजस्थान में ऐसी ही शर्मसार करने वाली घटना सामने आयी है. जहां एक नाबालिग बच्ची से आठ लोगों ने गैंगरेप किया। भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक 8वीं क्लास मे पढ़ने वाली 16 साल की बच्ची के साथ सलमान, अरबाज, साहिल, अकरम, जावेद, मुस्तकिम और अयूब ने बच्ची के साथ दरिंदगी को अंजाम दिया. इतना ही नहीं इन हैवानों ने मासूम को ब्लैकमेल भी किया और लड़की के आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी। बताया जा रहा है पीड़ित लड़की जब इनके मन मुताबिक मांगे पैसे न दे पाई तो आरोपियों ने उसकी क्लिप्स को वायरल कर दिया।
दरअसल ये पूरा मामला साल 2021 का है। दिसंबर में भिवाड़ी में इन हैवानों ने कथित तौर पर नाबालिग से गैंगरेप किया। पीड़िता को ब्लैकमेल कर कहा गया कि अगर वह 50 हजार रुपए नहीं देगी, तो उसके ‘यौन शोषण’ वाली वीडियो क्लिप्स को वायरल कर दिया जाएगा। वीडियो वायरल करनी की धमकी देकर आरोपियों ने पीड़िता से पहले 50 हजार रुपए ऐंठ लिए, लेकिन बाद में उनकी मांग और बढ़ गई। टाईम्स नाऊ की रिपोर्ट बताती है कि जब आरोपियों ने 2.5 लाख रुपए की डिमांड की तब पीड़िता के भाई ने पुलिस में शिकायत दे दी। दिसंबर, 2021 में लड़की के साथ पहली बार गैंगरेप किया गया था, जबकि तीन और छह जनवरी को भी उसके साथ दरिंदगी की गई थी। लेकिन जैसी सुस्त सरकार है वैसी ही लापरवाह गहलोत जी की पुलिस भी है. अब तक पुलिस इस मामले में एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पायी है.
दरअसल राजस्थान में अपराध की स्थिति दिन-ब-दिन बद से बदतर होती जा रही है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस आलाकमान अपनी आंखों पर पट्टी बांध के बैठे हैं। और तो और हाथरस पर हंगामा करने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा को राजस्थान का तो रास्ता ही पता नहीं है जो वो बेटियों की आवाज सुनने के लिए यहां तक पहुंचे. बलात्कार, बच्चों का अपहरण, हत्या, फिरौती, डकैती और लूट राजस्थान के आपराधिक आंकड़ों सबसे ऊपर हैं, जो कि अशोक गहलोत के लिए शर्मसार करने वाली बात है।
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.