हाल ही में रिलीज हुई साउथ की फिल्म ‘पोन्नियिन सेल्वन-1’ को दक्षिण भारत के साथ ही हिंदी बेल्ट में काफी पसंद किया जा रहा है. PS-1 में चोल साम्राज्य की महागाथा को दिखाया गया है जिससे आज की पीढ़ी अंजान थी. फिल्म में राजाराज चोल की बहादुरी की गाथा को दिखाया गया है। राजाराज चोल प्रथम इस साम्राज्य के सबसे प्रतापी राजाओं में से थे। लेकिन ना तो कुछ लोग हमारे इतिहास को मानते हैं ना ही हिंदु धर्म को मानते हैं ना ही हमारे हिंदु प्रतापी राजाओं को. हमारे इतिहास को लेकर हमेशा भ्रामक बातें फैलाने की कोशिश की गई है. लेकिन सबसे शर्मनाक तब होता है जब समाज की सच्चाई को सिनेमा के रूप में पर्दे पर दिखाने वाले लोग हमारे हिंदु धर्म और हिंदु राजाओं के अस्तित्व पर ही सवाल उठाते हैं.
ऐसा ही कुछ तमिल निर्देशक वेत्रिमारन ने भी किया है। उन्होंने चोल वंश के महान शासक राजाराज चोल को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा कि ‘राजाराज चोल हिंदू राजा नहीं थे’। वेत्रिमारन ने एक कार्यक्रम में कहा- ”हमारे प्रतीक लगातार ही हमसे छीन लिए जा रहे हैं। तिरुवल्लुवर का भगवाकरण करना या राजाराज चोल को हिंदू राजा कहना इसी का उदाहरण है।” वेत्रिमारन ने आगे आगाह करते हुए यह भी कहा कि सिनेमा आम आदमी के लिए है, इसलिए इसके पीछे की राजनीति को समझना आवश्यक है। वहीं वेत्रिमारन के इस विवादित बयान का साउथ फिल्म इंडस्ट्री के कलाकार कमल हासन भी समर्थन किया.
अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने वेत्रिमारन की बातों का समर्थन करते हुए राजाराज को हिंदू धर्म का नहीं मानते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने यह भी कहा कि चोल युग के समय ‘हिंदू धर्म’ नाम का कोई शब्द ही नहीं था। तब वैणवम, शिवम और समानम थे और वह अंग्रेज ही थे, जिन्होंने ‘हिंदू’ शब्द को गढ़ा क्योंकि उनको इस बात का पता नहीं था कि इसे सामूहिक रूप से कैसे संदर्भित किया जाए। यह उसी तरह है जैसे उन्होंने थुथुकुडी को तूतीकोरिन में बदल दिया।
मोदी विरोध का झंडा बुलंद कर 2018 में अभिनेता से नेता बने कमल हसन हिंदुओं के खिलाफ लगातार जहर उगलने का काम कर रहे हैं. कमल हसन इन दिनों तुष्टीकरण के हिमायती बन गए हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक रैली में उन्होंने कहा था कि, भारत की आजादी के बाद पहला आतंकवादी एक हिंदू था। इस बयान के पीछे उनका तर्क था कि, ”मैं ऐसा इसलिए नहीं बोल रहा हूं कि यह मुसलमान बहुल इलाका है, बल्कि मैं यह बात गांधी की प्रतिमा के सामने बोल रहा हूं। आजाद भारत का पहला आतंकवादी हिन्दू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे है। वहीं से इसकी (आतंकवाद) शुरुआत हुई।”
Kamal Haasan during campaigning in Aravakurichi assembly constituency, Tamil Nadu, yesterday: "I am not saying this because many Muslims are here. I'm saying this in front of Mahatma Gandhi's statue. First terrorist in independent India is a Hindu, his name is Nathuram Godse." pic.twitter.com/LSDaNfOVK0
— ANI (@ANI) May 13, 2019
ये विडंबना है हमारी कि जिस सिनेमा को समाज का दर्पण कहा जाता है उस सिनेमा को वैसे लोग बनाते हैं जो देश को तोड़ने, हमारे गौरवशाली इतिहास के अस्तित्व पर सवाल उठाने और तुष्टिकरण का राग आलापते हैं हम उनकी बातों को सुनते हैं उसे सच मान बैठते हैं और उसी फिल्म उद्योग से जुड़े कुछ लोग एक धर्म को नीचा दिखाने की लगातार कोशिश करते हैं और गैर-जिम्मेदारियाना बयान देने से भी पीछे नहीं रहते.
लेकिन जिस चोल साम्राज्य पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं उसके बारे में पहले उन्हें इतिहास के पन्नों में झांक लेना चाहिए कि आज से हजारों साल पहले भारत में एक ऐसा भी महान साम्राज्य था, जो अपने दौर में अकल्पनीय सा दिखता है. वो चोल साम्राज्य जिनकी नौसेना दुनिया की सबसे बड़ी नौसेनाओं में शामिल थी. चोलों का महान इतिहास करीब-करीब 1900 साल का है. उनके पांच सौ साल तो ‘स्वर्णकाल’ हैं. दुनिया के इतिहास में इतना लंबा साम्राज्य किसी का नजर नहीं आता. भारत में मुग़ल हों, अंग्रेज हों या दूसरे आक्रमणकारी- किसी का भी शासन काल 400 वर्षों से भी ज्यादा नहीं दिखता. किसी के भी शासन काल में जनता के कल्याण की वैसी भावनाएं नहीं दिखती जो अपनी प्रजा के लिए चोलों ने प्रयोग में लाया. चोलों की व्यवस्था के आगे कोई साम्राज्य नहीं ठहरता.
चोल मूलत: शैव उपासक थे. लेकिन हिंदू धर्म के दूसरे सम्प्रदायों में भी उनकी बराबर आस्था थी. वैष्णव सम्प्रदाय को भी बराबर पूजते थे और अनेकों मंदिर बनवाए. राज राजा के समय ही शैव ग्रंथों को संकलित करने का कार्य हुआ. वैष्णव ग्रंथों के लिए ऐसा ही कार्य होने की बात सामने आती है. चोलों ने बौद्धों और जैनों को भी आश्रय दिया और दक्षिण में इसके सबूत नजर आते हैं. उन्होंने अपने शासनकाल में अनेकों मंदिरों, विशाल बांधों, नहरों को जोड़ने का कार्य किया. बृहदेश्वर मंदिर, राजराजेश्वर मंदिर, गंगईकोंड और चोलपुरम मंदिर आज भी लोग एकटक देखते रहते हैं.
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