कश्मीर घाटी में इन दिनों आतंक के खात्मे के लिए J&K सरकार लगातार काम कर रही है और इसी कड़ी में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई हुई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में टेरर कनेक्शन पर बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी आतंकियों की मदद करने वाले तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है. आरोप है कि वे आतंकवादियों को रसद मुहैया करा रहे थे. वे आतंकवादी विचारधारा को प्रमोट कर रहे थे. टेरर फंडिंग जुटा रहे थे और अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे थे. एक जांच में पता चला कि वे सभी पाकिस्तान ISI और आतंकी संगठनों के संपर्क में थे.
रिपोर्ट के मुताबिक इन कर्मचारियों की पहचान कश्मीर विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी फहीम असलम, राजस्व सेवा के अधिकारी मुरावत हुसैन मीर और जम्मू कश्मीर पुलिस कांस्टेबल अरशिद अहमद ठोकेर के तौर पर की गई है। जांच के दौरान इन तीनों कर्मचारियों के बारे में कई बड़े खुलासे हुए. सूत्रों का दावा है कि तीनों लंबे समय से ISI और पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में आतंकियों की मदद कर रहे थे.
देखा जाए तो कश्मीर में धारा 370 हटने के साथ ही आतंकवाद की जड़ें भी हिल गईं जिसके बाद से पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के हैंडलर बैचेन हैं और भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं. लेकिन हमारी सेना ने हर बार उनका मुंहतोड़ जवाब दिया.
दरअसल पिछले कुछ समय से जम्मू कश्मीर सरकार ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर रही है जो सरकारी सेवा में होते हुए आतंकियों की आर्थिक रूप से सहायता करते हैं और उन्हें शरण देते हैं। इससे पहले पिछले महीने ही 2 सरकारी डॉक्टरों की सेवाएँ समाप्त कर दी थी। एक आंकड़ों पर नजर डालें तो लगभग 2 वर्षों के भीतर जम्मू कश्मीर में ऐसे 52 कर्मचारियों की सेवा समाप्त की जा चुकी है जिनके सम्बन्ध पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों से स्थापित हुए हैं। फिलहाल J&k सरकार पूरे एक्शन में है और आतंकियों के मददगारों पर सरकार अपना हंटर चला रही है
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