जब से अजीत पवार ने अपने चाचा को मर्जी के खिलाफ जाकर देवेंद्र फडणवीस की सरकार को समर्थन दिया तबसे शरद पवार उलझे उलझे नजर आ रहे है मानो जैसे वो चक्रव्यूह में फश चुके है।
एक तरफ उनको अपनी पार्टी बचाने की चिंता हो रही है साथ ही साथ एक अच्छे पिता के रूप में अपनी बेटी की राजनीतिक भविष्य की चिंता खाए जा रही है। महाभारत की घृत राष्ट्र की तरह हालत है शरद पवार की।
महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य समझे जाने वाले शरद पवार की नाक के नीचे कांड हो जाता है, एक तरह विपक्ष की एकता की नायक बनने की चाहत रख रहे थे, दूसरी तरफ आज विपक्ष की महा गठबंधन की बैठक से गायब रहे दूसरी तरफ उनका भतीजा सारे राष्ट्र वादी मंत्रियों को लेकर उनका घर पहुंच जाता है। चाचा को अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए विद्रोही विधायको की सारी बात चुचाप सुननी पड़ती है ,जैसे वो खुद अपनी घर में बंधक हो। सारे मिलकर उन्हें मनाते है या बोलते है, धमकाते है की आ जाओ हमारे साथ तभी बनेगी तुम्हारी बात। भले बाहर निकल सब बोले की हमने उन्हें मनाने की कोशिश की। उनका आशीर्वाद लेने का प्रयास किया।
पर अजीत पवार और परफुल पटेल के नेतृत्व में शायद वो लगभग मान जाए और nda गठबंधन में शामिल हो जाय। पर अभी ये कहना अतिशयोक्ति होगी की इतनी जल्दी मोदी और शाह का नेतृत्व मान जाए और विपक्ष से सीधा सत्ता पक्ष में आ जाए परंतु पिछली बार जिस तरह से उन्होंने देवेंद्र फडवनिश की सरकार को धोखा दिया था ठीक उससे बड़ा ठोकर देवेंद्र फडणवीस ने इस बार उनकी पार्टी को दो फाड़ में तोड़कर उनको दिया है ।
कहा तो ऐसा भी जाता है कि तभी अजित पवार के इच्छा देवेंद्र फडणवीस के साथ सरकार बनाने में थी ,ना कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने में। आखिर में अजित पवार भी अपनी इच्छा को दबा ना पाएं विपक्ष में रहते रहते हैं उनका बुलबुला फूट पड़ा वह भी देवेंद्र फडणवीस को अपना नेता मान कर सत्ता पक्ष के गठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री बने ।दोस्ती में भी कोई कमी नहीं दिखाई गई।उनको वित्त मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण पद दिया गया।
इन सब के बावजूद महाराष्ट्र में सियासी भूचाल खत्म नहीं हो रहा है, क्योंकि देवेंद्र फडणवीस ने फुटबॉल की ऐसी किक मारी है उसे जहां एक तरफ शिवसेना में दो फाड़ हो गया दूसरी तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में भी दो फाड़ हो गई यानी दोनों विपक्षी दल लगभग धराशाई हो गए ।कांग्रेश की स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं होने के कारण अब महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में भारतीय जनता पार्टी हो गई है और नेता के रूप में देवेंद्र फडणवीस ने भी अपना कद सबसे ऊंचा कर लिया है।
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