समझ तो आप गए ही होंगे कि ,कहाँ किस naughty उर्फ़ हरामखोर सरकार और उसके नुमाइंदों की बात हो रही है | कोरोना के संक्रमण ने अच्छे अच्छों का दिमाग हिला कर रख दिया है और ऐसे में संयोग देखिये कि , आज के धृतराष्ट्रों के पास भी संजय हैं , मगर वे उनके विनाश और दुर्गति का आँखों देखा हाल ही नहीं बता रहे बल्कि खुद ही अपने उल जलूल बकवास से पूरा बंटाधार कर रहे हैं (कांग्रेस के पास संजय झा ,जिसे लात मार कर हाल ही में भगा दिया , केजरीवाल जी के पास भी एक ऐसे ही बौड़म संजय सिंह हैं जिन्हें हाल ही में चमाट मार के सुजा दिया गया था , और इन सबसे भी परम naughty (ध्यान रहे कि अब एक विशेष राज्य में शासन करने वाली सरकार के मुख्य प्रवक्ता के अनुसार इसका मतलब होता है हरामखोर ) संजय राउत |
शिवाजी के नाम पर स्थापित एक राजनैतिक दल , जिसे स्थापित करने वाले बेख़ौफ़ और बेलौस , हिन्दू ह्रदय सम्राट बाला साहब ठाकरे आज सत्ता और स्वार्थ की उस गलीज़ राजनीति के दलदल में बुरी तरह धँस कर , खुद बाला साहेब के पुत्र उद्धव ठाकरे समेत पूरे राजनीतिक दल को अपने जड़ बुद्धि और सत्ता के लालच में ऐसे स्थान पर ले आए हैं कि जो देश की एक बेटी को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने में , न सिर्फ अपमानित करने बल्कि सरकार और प्रशासन के पूरे अमले की ताकत से उसका घर बार दफतर और जीवन तक तोड़ फोड़ कर नष्ट करने पर आमदा हैं |
वो भी इसलिए क्यूंकि उस देश की उस बेबाक बेटी और विख्यात अभिनेत्री ने वही बाला साहब वाली निडरता दिखाते हुए मुंबई सिनेमा में व्याप्त नशाखोरी , गैंगबाजी , नेपोटिज़्म के शिकार होकर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का सच सामने लाने के लिए आवाज़ उठा दी |
कहते हैं सिर्फ अपने घर में जो शेर बने असल में वो कुत्ता होता है और इत्तेफाक देखिये कि , अभिनेत्री कंगना रनौत के पीठ पीछे उसके दफ्तर पर बुलडोज़र चलवा कर उसे सबक सिखाने की बात कही भी कहाँ अपने अदने पदने से समाचार पत्र “सामना” में | कितने दुःख और परिहास की बात है कि जिन शिवाजी की सेना होने का दंभ ये उद्धव और संजय जैसे मूढ़ , आज उछल उछल कर भर रहे हैं , वो ये भूल रहे हैं कि , माता जीजाबाई की दी हुई शिक्षा और संस्कार के कारण ही शिवाजी ने शत्रु मुगलों की स्त्रियों को भी भूल कर भी अपमानित करने का नहीं सोचा |
अपने नॉटी उर्फ़ हरामखोर बड़बोले संजय राउत को सार्वजनिक रूप से ऐसे गलीज़ आचरण और शब्दों के लिए दण्डित करने की जगह शिवसेना उसे मुख्य प्रवक्ता का प्रमोशन देती है | वही शिव सेना प्रमुख का घमंड तब अचानक इतना आहत हो जाता है कि सिर्फ “तू” कहने भर से ही भरभरा कर गिर जाता है और बाकायदा मुकदमा दर्ज़ कर दिया जाता है |
चलते चलते सिर्फ दो बातें , अरे लकड़बग्घों , सनातन में तो देवी माँ से लेकर अपनी जननी अपनी माँ तक को स्नेह और आदर की अधिकता से तू ही कहने की परम्परा है , तो भाई उद्धो तू क्या उनसे भी बड़ा हो गया रे |
अब बात मुकदमे की , अरे घामडों , जब सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा को जानबूझ कर साजिशन आहत करने वाले उस परेशान भुशंड को अदालत इसके लिए सिर्फ एक रूपए का जुर्माना लगाकर बख्श देती है तो फिर कंगना रनौत के सिर्फ तू कह देने भर के इस भयंकर अपराध के लिए इस हिसाब से चार आना आठ आना , का दंड मिलना भी मुश्किल ही लगता है |
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