भारत मे आर्यन इनवेंशन नाम की जो थियोरी डाली थी उत्तर और दक्षिण वालो को लड़वाने ने के लिए जो थियोरी बिल्कुल जुठी साबीति हुई है । ये सडयंत्र अंग्रेजो का था मैक्स मुलेर जैसे हराम खोरो का ।
ब्रह्मणो को विदेशी बताने वाली थियोरी आजकल चल रही है वो भी जुठी है और उसे चलाने वाले वामपंथी ,क्रिस्चियन , मुस्लिम है और इन लोगो द्वारा फेक identity बनाकर दलितों को भी यही बात सिखाई जा रही है के ब्रह्मणो ने सबके साथ भेदभाव किया और वो भारत के नही थे वो पाखंडी थे बाहर से आये थे और उनकी मनुस्मृति में भेदभाब है ऐसा जुठ फैलाएंगे । दलितों का mind wash करने वाले सब हिन्दु विरोधी है। ये दलितों को अलग कर रहे है । पहले फुट पाड़ी जा रही है फिर अलग करेंगे (अभी हिन्दुधर्म से fakeबुद्धिस्ट बनाया जा रहा है) और फिर मौका आने पर उसे कन्वर्ट किया जाएगा मारा जाएगा और उनकी स्त्रियों पे हक मुस्लिमो का होगा । ये प्लान है । इस तरह से फुट पाड़ो राज करो कि नीति पहले से अंग्रेजो की रही है ।
तो ऐसे एक जगड़ा खड़ा करदिया जाता है और हँमारे धर्म को पाखंड बता कर सारी जानकारियां लेजाकर वो सब आगे बढ रहे है ।
जबकि वेज्ञानिक से पहले सूर्यग्रहण चंद्रग्रहण पूनम अमास की सटीक जानकारी सूर्योदय और सूर्यास्त की जानकारी तक ब्राह्मण एस्ट्रोलॉजी के माध्यम से देदेते है । और सबको सब पाखंड लगता है ।
ये ऐसा ही है जैसे हम लोगो के हाथ मेसे सोना छीन कर नकली कांच हीरा पकड़ा दिया जा रहा है ।
जैसे रोटी के बदले ब्रेड पकड़ा रहे है । देशी खाने की बदले विदेशी पकड़ा रहे । और धर्म के बदले अधर्म पकड़ा रहे । ज्ञान के बदले फालतू की शिक्षा पकड़ा दी गरुकुल नष्ट होंगये ।
कहा गया वो विमानशास्त्र , वो सर्जरी की पद्धति , वो ब्रह्मांड और ग्रहों की जानकारी , वो कृष्णा का श्लोक में अनुबोम्ब की जानकारी , वैदिक गणित वैदिक मैथ्स । सब चोरी हो रहा है और हमको हाथ मे लॉलीपॉप पकड़ा दी
nasa में संस्कृत के क्लास , जर्मनी संस्कृत यूनिवर्सिटी का हब , ऑक्सफ़ोर्ड में संस्कृत, कम्ब्रिज में संस्कृत , विदेशों की कई स्कूल में संस्कृत ,
क्या वो हँमारे धर्म को अपनाने के लिए पढ़ते है ??नही
वो सब इसलिये पढ़ते है ताकी हँमारे सब ग्रंथो में से जो गुप्त जानकारियां है उसे संस्कृत के माध्यम से रिसर्च करके खोजलेते है । गाय के मूत्र की 7 पेटेंट क्यो बनाली? क्यो गाय के साथ रहने का मन हो रहा उनको अब ? क्यो सब वेज्ञानिक और USA वाले मांस को छोड़ रहे है ? क्यो वो जैविक खेती के लिए आगे बढ रहे है ? क्यो आजादी से पहले किसी गांव में जाकर सर्जरी की तकनीक अंग्रेज सीखता है ? क्यो आइंस्टाइन जैसे वेज्ञानिक गिताजी की बात करते है ? सबकुछ छिपा कर चुराया गया ।
1800 से पहले क्यो वैज्ञानिकों ने खोज नही की ?? सब भारत को कब्जे करने के बाद ही क्यो शुरू हुवा।
आखिर में एक ही शब्द में सब कहूंगा । भारत के लोगो का NARRATIVE ( किसी भी वस्तु को देखने सोचने का नजरिया) बदला जा रहा है और पिछले हजारो सालो से बदला जा रहा है ।
जागृति इश्मे जरूरी है जो narrative बदला जा रहा है जो देखने सोचने का नजरिया बदला जा रहा है वो सब हिन्दुओ के ध्यान में आना जरुरी है
जय जय श्री राम
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