सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीरी हिंदुओं (पंडितों) से कहा था तुम इतने साल कहां थे?

अब इंसाफ नहीं मिल सकता बहुत देर हो चुकी है, 

सबूत नहीं मिल सकते?

कोई पलटकर सुप्रीम कोर्ट से पूछ ले
 
हम पर तो जुल्म हो रहा था हमें होश नहीं था इस्लामिक आतंकवादियों से डर लग रहा था,
 
इस्लामिक आतंकवादी हमारी मां बहनों की इज्जत लूट रहे थे,
 
हमारे बच्चों को इस्लामिक वहशी दरिंदे गोलियों से मार रहे थे,
 
हमारी कोई नहीं सुन रहा, हमारी आवाज किसी के कानों तक नहीं जा रही थी,
 
हम इस्लामिक आतंकवादियों से अपने बच्चों और अपने परिवार को बचाने लगे थे,

सैकड़ों हजारों हत्याओं से धरती लहूलुहान हो गई

हजारों हिंदू बहनों की इज्जत लुट गई हजारों हिंदू बहनों की मांग उजड़ गई.

धरती त्राहिमाम कर रही थी.

हमें तो इतना सदमा लगा हमें आज तक होश नहीं आ पाया…..

हजूर हम पर तो जुल्म हो रहा था

लाखों हिंदुओं पर हुआ अत्याचार तुम्हें दिखाई क्यों नहीं दिया?

हजारों बेटियों की इज्जत लूटी तुम क्या कर रहे थे?

हमारी चीख-पुकार तुम्हें क्यों नहीं सुनाई दी ?

लाखों हिंदुओं की आवाज तुम्हारे कानों में क्यों नहीं पड़ी?

पर सुप्रीम कोर्ट तुम्हें क्या हो गया था?

 
तुम पर तो हमारी रक्षा की जिम्मेदारी थी तुम संज्ञान ले सकते थे
 
सरकार संज्ञान ले सकती थी
 
लाखों हिंदुओं पर अत्याचार हुआ तुम्हें दिखाई क्यों नहीं दिया?
 
क्या सुप्रीम कोर्ट किसी एजेंडे के तहत काम करती है?
 
लाखों हिंदुओं की आवाज तुम्हारे कानों में क्यों नहीं पड़ी? 
 
हमारे खून के छींटे तुम्हारे दामन पर भी है.
 
तुम अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते.
 
अगर कोई अपराध होते देखे और कुछ कार्रवाई ना करें वह भी अपराध में भागीदार माना जाता है.
 
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे
 
इस से प्रेरणा लेकर सुप्रीमकोर्ट को संज्ञान शक्ति दी गई.
 
कश्मीरी हिंदुओं पर हुए अत्याचार में आपको इसका इस्तेमाल करना चाहिए था.
 
चारों तरफ हत्या लूट और बलात्कार की स्थिति थी हमारी चीख-पुकार कोई नहीं सुन रहा था कुछ ऐसी विशेष परिस्थितियों के लिए ही आप को संज्ञान शक्ति दी गई थी.
 
हम आपके पास आ नहीं पा रहे थे
 
आपका हाथ किसने पकड़ लिया था जो इतना अत्याचार/बलात्कार/हत्या होने के बावजूद हमारी मदद को नहीं आया?
 
आपने मौन रहकर अत्याचार को बढ़ावा दिया, आतंकवाद के हाथ मजबूत किए,

#RightToJustice

 

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.