The Kashmir Files फिल्म के जरिये वो सच्चाई सामने आयी जिसे दशकों तक दबा कर रखा गया. लेकिन कहते हैं ना सत्य परेशान हो सकता है लेकिन हार नहीं सकता. देश को अब तक कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के बारे में धोखे में रखा गया  .वहीं सभी तथ्यों को एक फिल्म के जरिये लोगों के सामने रखने का काम किया निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने. इसी कड़ी में मानवीय त्रासदी की एक और सच्चाई सामने आने वाली है.

22 मार्च को  रिलीज हुए The Kerala Story के ट्रेलर में कहा गया है, कि ”केरल में, हजारों युवा लड़कियां लापता हो गयीं और पिछले 12 सालों में कभी घर नहीं लौटीं”। लेकिन इस बड़ी घटना को ना ही किसी अखबार में ना ही बड़े-बड़े चैनलों को  प्राइम टाइम के डिबेट में ही जगह मिली, लेकिन द कश्मीर फाइल्स ने इस मिथक को तोड़ते हुए दशकों तक दबी उन त्रासदियों को बाहर आने के लिए एक रौशनी कि किरण दिखायी है इसमें कोई दो राय नहीं . जिसका ताजा उदाहरण है ‘The Kerala Story’

दरअसल धीरे-धीरे वो तमाम त्रासदियां सामने आ रही है जिन्हें अबतक वामपंथी और बॉलीवुड ने कभी दिखाने की कोशिश नहीं की. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म निर्माता विपुल अमृतलाल शाह और लेखक-निर्देशक सुदीप्तो सेन ने जिस तरह से ये बनाया है कि उसके जरिये मानवीय त्रासदी की ये कहानी आपको अंदर तक हिलाकर रख देगी। इसके बाद ट्रेलर में केरल के पूर्व सीएम वीएस अच्युतानंदन  के भाषण को दिखाया जाता है जिसमें वो ये कहते हैं कि, “किस तरह प्रतिबंधित संगठन एनडीएफ के एजेंडे की तर्ज़ पर पीएफआई  केरल को मुस्लिम राज्य बनाने की कोशिश कर रहा है। उनकी योजना केरल को 20 साल में मुस्लिम राज्य बनाने की है। ट्रेलर के मुताबिक , फिल्म लगभग 32,000 लड़कियों की सच्ची कहानियों पर आधारित है। जिनको अगवा कर जबरन धर्मांतरण करा उन्हें ISIS पोषित राष्ट्रों में भेज दिया गया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेलर में यह भी दावा किया गया है कि पिछले 10 सालों में हजारों लड़कियों की तस्करी ISIS और अन्य इस्लामिक क्षेत्रों में की गयी है। निर्माता विपुल शाह के हवाले से कहा गया है, कि जब सुदीप्तो ने आकर मुझे अपने 3-4 साल के रिसर्च के बारे में बताया, तो पहली मुलाकात में ही मेरी आंखों में आंसू आ गए थे। उसी दिन मैंने इस फिल्म को बनाने का फैसला किया था। सुदीप्तो सेन ने कहा कि ये आंकड़े इतने डरावने वाले हैं आप सोच कर हैरत में पड़ जाएंगे कि 2009 के बाद से, केरल और मंगलुरु की लगभग 32,000 लड़कियां, हिंदू और ईसाई परिवारों से इस्लाम में कनवर्ट हो गयीं हैं, और उनमें से ज्यादातर सीरिया, अफगानिस्तान या ऐसे ही अन्य इलाकों में भेज दी गई हैं। वहीं साथ ही धर्मांतरण के आधार पर कितनी हिन्दू बेटियों के साथ दुराचार होने के साथ-साथ उनका अपहरण कर उन्हें  गल्फ देशों में भी बेच दिया जाता है ।

इस घटना में सबसे बड़े आरोपी वो मुल्ला-मौलवी और पादरी हैं, जो दक्षिण के राज्यों में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की बहन-बेटियों पर गिद्ध जैसी नजर डालकर उन्हें  उन्हें धर्मपरिवर्तन के लिए उकसाकर उन्हें अपने परिवार से दूर कर देते हैं। ऐसी विभत्स कहानी होने के बावजूद किसी ने भी इसपर संज्ञान नहीं लिया | जिसकी वजह सिर्फ ये थी कि वामपंथी इतिहासकारों और सरकारों ने इसे सामने आने ही नहीं दिया |

लेकिन विवेक अग्निहोत्री ने कश्मीर फाइल्स के जरिये वो कर दिखाया जिसकी कल्पना 32 सालों तक किसी ने नहीं की. क्योंकि ये सच्ची कहानियां है कोई मनग्रंथ बॉलीवुड की स्टोरी नहीं…

 

 

 

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