बहुत सालों तक तक हिन्दुओं और सनातनियों को ताना मारा जाता रहा था कि क्या हुआ बहुत कहते थे ,”कसम राम की खाते हैं मंदिर वहीँ बनाएंगे ” और इस लड़ाई की पुरोधा रही पार्टी भारतीय जनता पार्टी के ऊपर ये आरोप लगाए जाते थे कि , चुनाव आते ही कहने लगते हैं कि राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य एक दिन जरूर पूरा होगा मगर दिन तारीख नहीं बताते।

लेकिन ये तो प्रकृति का सीधा सा ,सरल सा नियम है बाबू रे , कभी नाव पर गाड़ी और कभी गाड़ी पर नाव। इस देश के हिन्दुओं को एक जुट होकर एक साथ संगठित होकर एक हिंदूवादी , राष्ट्रवादी दल के हाथों में बहुमत और फिर प्रचंड बहुमत से देश की बागडोर थमाने में। और ऊपर से इस देश की खुशकिस्मती ये कि नेतृत्व मिला तो ऐसा कि , देश तो देश ,दुनिया भी नतमस्तक होकर आज भारत के आगे शीर्षासन कर रही है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण इस महामारी काल में भी दुनिया हिन्दुस्तान की ओर देख रही थी।

चीज़ें जब ठीक होने लगती हैं ,अनुकूल दिशा में आगे बढ़तीं हैं और सही कार्य के लिए उद्धत होती हैं तो पूरी ईश्वरीय शक्ति भी उसे अपना आर्शीवाद देती है। वक्त का पहिया घूमा और पाँच सौ सालों से मुगलिया बाबर का जबरन कब्जाया और फिर पचास साल तक विधिक संस्थानों में लंबित रहा अन्याय आखिर समाप्त हुआ। अदालत ने वही निर्णय दिया जो सत्य था ,जो सनातन था।

आज अयोध्या , राम , गंगा सब कुछ विश्व पटल पर एक दिव्य पुंज बन कर दैदीप्यमान हो रहे हैं तो वहीँ सनातनियों ने इसके साथ ही “अयोध्या तो झाँकी है ,काशी मथुरा बांकी है ” के जयघोष से अगले धर्म युद्ध की शुरुआत कर दी है। अदालत में याचिका दायर की जा चुकी है ,इतिहास एवं पुरातत्व विभाग सारे साक्ष्यों को प्रमाण स्वरूप एकत्र करने में जुट गया है और देर सवेर हम राम और कृष्ण की पावन भूमि को फिर से धर्म भूमि में परिवर्तित होते देख सकेंगे।

लेकिन अब तो ये धर्म विजय रथ , ये सनातन का जयघोष इतने पर ही नहीं रुकेगी। अब इस भारत को ,इस आर्य भूमि आर्यावर्त को पुनः हिन्दुस्तान बनाने के लिए समर शंख फूंका जा चुका है। मीडिया सोशल मीडिया ,शैक्षिणक संस्थान , धर्म पीठ और तमाम राष्ट्रवादी राजनैतिक दल के साथ साथ इस देश की महा जनता ने प्रचंड रूप से “भारत माँगे हिन्दू राष्ट्र ” की हुंकार भर ली है।

देश की देह से लेकर आत्मा तक ,और धर्म से लेकर कर्म तक , खेत से लेकर उद्योग तक सब कुछ भगवामय और सनातनी होता जा रहा है और धर्म पथ के इस रास्ते में जो भी इससे विमुख होकर इसके किसी तरह के षड्यंत्र किसी तरह के प्रपंच में पड़ा और अड़ा दिख रहा है वो उसी तरह इस हिंदुस्तान हो जाने की राह में धूल , कीचड़ ,पत्थर की तरह बहता ,दबता ,छूटता चला जा रहा है जैसे माँ गंगा के तेज़ प्रवाह में उथले छिछले सारे खर पतवार मृदा कीच सब या तो नीचे रह जाते हैं या फिर साथ ही बहते हुए विलीन हो जाते हैं।

तो सुन लो ओवैसी , ममता ,केजरवील , खालिस्तान ,पाकिस्तान , और पूरी दुनिया भी -हाँ ये मेरा देश जो हिन्दुस्तान था , हिन्दुस्तान है , बहुत जल्द फिर से एक नया हिन्दुस्तान होगा। हमारा अपना हिन्दुस्तान। बेशक ये हम न कर सकें , हमारी अगली और उसकी अगली पीढ़ी करे लेकिन देवभूमि आर्यवर्त एक दिन हिन्दुस्तान होगा।

अब सौगंध है हमें अपने राम की ,अपने कृष्ण की ,महादेव की , हिमालय ,गंगा की और इस देश की मिटटी के एक एक कण की हम अपने प्राण देकर भी इस सौंगंध को पूरा करेंगे। जय हिन्द , जय हिन्दुस्तान।

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