सुप्रीम कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी और अन्य सह-आरोपियों को अंतरिम ज़मानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. जस्टिस चंद्रचूड़ और इंदिरा बनर्जी की बेंच ने माना कि बॉम्बे HC को मामले में आरोपी को अंतरिम जमानत दे देनी चाहिए थी.


सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला महाराष्ट्र सरकार के तुगलकी रवैये पर करारा प्रहार है और ये दर्शाता है कि महाराष्ट्र सरकार ने बदले की भावना से ओतप्रोत होकर अनैतिक तौर पर अर्नब के साथ ये बदसलूकी की थी। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से ये साफ है कि कोर्ट अर्नब के मामले में कितना सख्त था..कोर्ट ने साफ कहा कि अगर हमने आज इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया तो ये विनाश के रास्ते पर जाना होगा। आज हस्तक्षेप करना बहुत जरूरी है। विचारधारा अलग है तो चैनल न देखें।


कोर्ट का संकेत एकदम साफ है कि महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई अनैतिक है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट को संदेश देना होगा कि सरकार किसी को निशाना नहीं बना सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में साफ किया कि हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है ऐसे में सरकार को सभी का ख्याल रखना चाहिए।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.