देशभर में हुए उपचुनाव के नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम अब भी जनता के बीच भरोसे के तौर पर कायम है और मोदी जी जिस मंच पर जिस जगह भी खड़े हो जाएं वहां बीजेपी की जीत तय मानी जाती है। बिहार चुनाव के दौरान नीतीश कुमार की एंटी वेव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आक्रामक रैलियों ने काफी हद तक भरपाई के तौर पर NDA की जीत में बदल दिया। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी का ही चमत्कार है कि बिहार में एक बार फिर एनडीए सरकार बनाने जा रहा है। 

बिहार चुनाव में नरेंद्र मोदी की रैलियों के बाद राजनीतिक पंडित यह मानकर चल रहे थे कि मोदी की रैलियों का ही चमत्कार है जिससे बिहार में एक बार फिर एनडीए मजबूत हुआ है।
इसके अलावा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के उपचुनाव नतीजों में भी खिला हुआ कमल बता रहा है कि मोदी का नाम सर्वहारा से लेकर सर्वसमाज के बीच बेहद लोकप्रिय है। गुजरात, कर्नाटक और तेलंगाना में भी बीजेपी ने उप चुनावों में जीत दर्ज की है यह नतीजे बता रहे हैं कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और असम से लेकर गुजरात तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विराट व्यक्तित्व के आगे समूचा विपक्ष बोना है। 


बिहार चुनाव में नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से आक्रामक ,ताबड़तोड़ रैलियां की और उसके बाद जमीन पर बीजेपी का प्रदर्शन बम्पर रहा .. ये उसी का परिणाम है कि एनडीए बिहार में महागठबंधन को पटखनी देने में कामयाब रहा है। नरेंद्र मोदी जिस तरह से अपनी रैलियों में जनता के साथ कनेक्ट होते हैं और उन्हें अपने भरोसे में लेते हैं विपक्ष के पास उनकी इस शैली का कोई तोड़ नहीं है। 


गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार , उत्तर प्रदेश ,तेलंगाना, कर्नाटक के चुनाव नतीजे बता रहे हैं कि समूचे कोरोना काल में सरकार के द्वारा किए गए कार्यों पर जनता ने समर्थन की मुहर लगाई है। इसके अलावा चीन के मुद्दे पर जिस तरह से केंद्र सरकार लगातार आक्रामक रही जनता के बीच नरेंद्र मोदी की छवि एक बेहद मजबूत शासक के तौर पर उभरी है जिसका निश्चित तौर पर फायदा बीजेपी को मिला है।

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