पंद्रह वर्षों के बाद भी यदि भाजपा बिहार में वापस आ गई है तो एक बात तो स्पष्ट है कि यादवों ने भी हिन्दू बन कर वोट दिया है । चाराचोर लालू के परिवार के ऊपर यादवों ने अपनी बेटी का शील व सनातन हिन्दू धर्म की रक्षा को रखा ।

दो बातें हमें सीख लेनी चाहिएँ ।

पहली , नेता यदि सत्यनिष्ठ हो तो हिन्दू पीछे आ लगता है अन्यथा क्यूँ बिहारी भाई किसी गुजराती को वोट देंगे ?

सत्यनिष्ठ ( Honest ) व कर्मनिष्ठ नेतृत्व विराट हो जाता है । वह क्षेत्र , भाषा ,जाति तथा व्यक्तित्व के पाश से मुक्त हो जाता है ।

नमो विराट बन गए हैं । शेष हिन्दू नेता नमो जैसे बनें ।

दूसरी , हत्यारे माफिया के विरुद्ध सतत लिखने व बोलने का शुभ परिणाम अब आने लगा है ।

इंटरनैट व सोशल मीडिया पर सत्य का उद्घोष करते रहें ।

हिन्दू एकता एक सत्य बन कर उभर रही है ।

धन्य है हिन्दू समाज । धन्य हैं हमारे पूर्वज जिन्होंने सब कुछ दाँव पर लगाकर भी हमारा धर्म हमें सौंपा ।

नाचो , गाओ प्यारे हिन्दुओं , माफिया का अन्त निकट है ।

प्रताप व शिवाजी महाराज के त्याग का , श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के बच्चों के बलिदान का प्रतिशोध लेने का समय आ रहा है ।

दीपावली पर इतने पटाखे फोड़ो कि वामपंथी जेहादियों के महलों की चूलें हिल जाएँ आने वाले भूचाल की सूचना से ।

हर हर महादेव

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