कुछ दिनों पहले कनाडा कुमार (अक्षय कुमार) की एक फिल्म आई जिसका नाम रखा गया “लक्ष्मी बॉम्ब” बाद में जब हिंदुओ की चेतना जागी और विरोध के सुर जगे तो फिल्म का नाम दवाब में “लक्ष्मी” ही रखकर रिलीज की गई, हालांकि विरोध इतना हावी था कि फिल्म आने से पहले ही फ्लॉप हो गई, हिन्दू पद्मावती फिल्म के विरोध के बाद पहली बार सामने आए और खुलकर अपना विरोध दर्ज करवाया, पैडमेन, टॉयलेट, बेबी जैसी कुछ अच्छे संदेश देने वाली फिल्में देने व देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू के बाद लोगो की नजर में अच्छी और राष्ट्रवादी बनाने के बाद जब लगा कि अब राष्ट्रवादी सोच बन चुकी है तो लॉन्च की “लक्ष्मी बॉम्ब” पर ये फिल्म पिट गई…. इसमें इन्होंने बताया कि हिन्दू पंडित की बजाय मौलवी ज्यादा मजबूत होते है उनकी आयत हिन्दू ग्रंथों के श्लोकों से ज्यादा मजबूत होती है कारगर होती है
ये विरोध थमा ही नहीं कि कल कनाडा कुमार ने एक नया पोस्टर लॉच किया जिस पर लिखा था “राम सेतु” लोगों को लगा कि कनाडा कुमार की अक्ल ठिकाने आ गई होगी और अब हिंदुओ को रिझाने के लिए कुछ ऐसा कर रहे होंगे पर उसी पोस्टर में जब छोटे अक्षरों में लिखा देखा ” सच या कल्पना ” तब इनका एजेंडा समझ आया कि अब रामसेतु जैसे धार्मिक और भावनात्मक मामले पर भी अपनी औकात दिखाने व कीचड़ उछालने पर उतारू हो रहा है ये जिहादी, ऐसे तो जिहादियों कि कमी नहीं है बॉलीवुड में क्योंकि पीके में आमिर खान ने खुलकर हिन्दू देवी देवताओं का मजाक उड़ाया पर शायद किसी ने इसका इतना विरोध नहीं किया जिससे इनके हौसले बुलंद हो गए… अब फिल्म में भी ये रामसेतु को एक नए विवाद की ओर ले जाने का मौका ढूंढेंगे, इस तरह की साजिशों को अब रोकना होगा, इनकी पोस्टर लॉन्च पर ही विरोध दर्ज करवाकर इनको बताना होगा कि हिन्दू अब संगठित हो रहे है और जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने में पीछे नहीं रहेगा… अक्षय कुमार अब राष्ट्रवादी नहीं बल्कि जिहादियों का नया मैसेंजर बन गया है करोड़ों रुपए के विदेशी फंड और दाऊद के पैसों पर चलने वाले इस बॉलीवुड को अब इनकी औकात बताने का समय आ गया है इनको ये बताना है कि हजारों साल पहले लिखे शास्त्र इस बात के लिए काफी है कि रामसेतु हमारे लिए प्यार, स्नेह और त्याग का प्रतीक है भगवान श्री राम का माता सीता के प्रति अटूट प्रेम और श्रद्धा ने ही रामसेतु का निर्माण किया, रामसेतु को झूठ कहना भगवान श्री राम पर सवाल उठाने जैसा है और जो भगवान श्री राम का नही वो हमारे किसी काम का नहीं
रच रहा है दशकों से साजिश
ऐसे तो हिन्दुत्व को तोड़ने में बॉलीवुड पिछले कई दशकों से साजिश कर रहा है पिछले कई दशकों से पंडित को भूखा व गरीब, बनिए को लालची तथा क्षत्रिय को अत्याचारी व दुराचारी बताया जाता रहा है और धीरे धीरे भावी पीढ़ी के दिल और दिमाग में ऐसी मानसिकता को विकसित करने का प्रयास बॉलीवुड के ये भांड अभिनेता करते आए है जातियों के आधार पर उन पर टिप्पणी करके लोगो को बेवकूफ बनाना इस बॉलीवुड का हमेशा से ही इरादा रहा है और कहीं ना कहीं ये लोग इस मंसूबों में कामयाब भी रहे है शोले फिल्म 1975 में आई पर उसमे भी एक टूटे फूटे गांव में एक आलीशान मस्जिद बताई गई जिसमें जब जब नमाज का समय होता है रफीक चच्चा पहुंच जाते है और हिन्दू धर्म से ज्यादा मुस्लिम धर्म के अनुयाई को बेहतरीन ढंग से बताया गया
लव जिहाद को बढ़ावा
फिल्मों के माध्यम से लड़के को मुस्लिम दिखाकर लड़की को हिन्दू समाज से बताकर ये लोग सीधे तौर पर मुस्लिम को शांति का प्रतीक और हिन्दू को आक्रामक अंदाज में दिखाया जाता है हिन्दू धर्म और हिन्दू धर्म के प्रचारकों को अलग ढंग से पेश कर उनका मजाक उड़ाना इनका मुख्य पेशा बन गया है आमिर खान, शाहरुख खान, दिलीप कुमार, सैफ अली खान ऐसे कई नाम है जिन्होंने हिन्दू लड़कियों से शादी करके युवाओं को भ्रमित करने का प्रयास किया है हिन्दू मुस्लिम प्रेम कहानियां दिखाकर ये लोग सीधे सीधे धर्म पर प्रहार करते नजर आते है कई ऐसे मामलों में कई बार हिन्दू लड़कियां बॉलीवुड में लव जिहाद की दुर्घटना का शिकार भी हुई है जिन मामलों को इन्होंने समय रहते ही दबा दिया, आजकल करण जौहर, एकता कपूर, महेश भट्ट जैसे कई लोग खुलेआम लव जिहाद को प्रोमोट कर रहे है और भावी पीढ़ी को अपने चंगुल में फंसाने में सफल हो रहे है धर्म निरपेक्षता के नाम पर हिन्दू धर्म को कलंकित करने का कोई प्रयास ये नहीं चूकते है हिंदी फिल्मों की प्रेम कहानियों में भी मुस्लिम लड़को को स्मार्ट व होसियार बताया गया जबकि हिन्दू लड़को को लल्लू या बद दिमाग बताने का प्रयास रहा है
बॉलीवुड बन रहा है नशेड़ीवुड
गत दिनों सुशांत सिंह राजपूत वाले मामले से ये साफ हो गया कि बॉलीवुड में साफ दिखने वाले ये किरदार असल जिंदगी में किसी वहेंसी दरिंदो से कम नहीं, साजिश के तहत लोगो को रास्ते से हटाने का कार्य बड़ी ही आसानी से ये लोग कर देते है नशे का कारोबार इतना फैला है बॉलीवुड में कि जब सुशांत सिंह राजपूत का मामला सामने आया तो ना जाने कितने किरदार निकलकर सामने आए, अब तक एनसीबी ने 100 से ज्यादा लोगो से इस बारे में पूछताछ कर चुकी है और ये कड़ी आगे से आगे जुड़ती जा रही है सिनेमा जगत में हीरो जान पड़ते वाले ये किरदार असल जिंदगी में नशेड़ी, बलात्कारी और फरेबी है सुशांत सिंह राजपूत वाले मामले में कंगना राणावत खुलकर आगे आई जिसकी उसको कीमत भी चुकानी पड़ी, बीएमसी ने और शिवसेना सरकार ने उसका घर और ऑफिस तोड़ दिया और ना जाने कितनी कानूनी धाराएं लगाकर आज भी परेशान कर रही है
केबीसी भी बना जिहादियों का प्रचारक
अमिताभ बच्चन को इसी जनता ने बिग बी, महानायक और ना जाने कैसे कैसे नामों से इसी हिंदुस्तान की जनता से प्यार देने का प्रयास किया पर असल में अमिताभ बच्चन ने केबीसी के माध्यम से हिन्दू धर्म पर अत्याचार करने में कोई कमी नहीं रखी. कन्हैया कुमार, उमर खालिद, जिग्नेश मेवानी, हार्दिक पटेल, शेहला रशीद जैसे देशद्रोहियों को सवालों में युवा नेता के नाम से संबोधित कर अमिताभ बच्चन ने अपनी छवि के साथ साथ केबीसी का कद भी घटा दिया है मनुस्मृति के बारे में और अम्बेडकर के बारे में गलत सवाल पूछने वाले नौटंकी अमिताभ बच्चन कभी जातिगत आरक्षण या समान नागरिक संहिता कानून पर बोलते नजर नहीं आए और ना ही बॉलीवुड में हो रहे अत्याचार, नशे या सुशांत सिंह राजपूत के विषय पर बोलते दिखे, अमिताभ बच्चन की इस चुप्पी ने अमिताभ बच्चन को आसमान से जमीन पर लाने बहुत बड़ा किरदार निभाया जो आपके सामने है जया बच्चन हर संवेदनशील मामले पर चुप रहने वाली नशे वाले मामले में संसद में खुलकर रोई और नशेड़ियों का पक्ष लिया और सांसद रवि किशन पर तो खुलेआम कह दिया कि कुछ लोग “जिस थाली में खाते है उसी में छेद कर देते है” ये दर्द शायद इसलिए भी हो क्यूंकि अमिताभ की बेटी से लेकर नातिन तक इस नशे में लिप्त है
बहिष्कार ही अंतिम रास्ता
इन असामाजिक तत्वों का अब अंतिम इलाज केवल इनका बहिष्कार है जब तक इनका बहिष्कार नहीं होगा तब तक इनको अक्ल नहीं आएगी, बिग बॉस जैसे वाहियात सीरियल में सलमान खान मुस्लिम लड़के के साथ हिन्दू लड़की का कैंडल लाइट डिनर रखवाता है और खुलेआम वाहियात दृश्य दिखाकर गंदगी फैलाने का कार्य करता रहा है युवाओं में आइडल बनकर युवा पीढ़ी को बर्बाद करने में सलमान खान जैसे लोगो का बड़ा किरदार रहा है सुशांत सिंह राजपूत मामले में सलमान खान की चुप्पी बहुत कुछ बता रही है लॉक डाउन में सलमान खान के फार्म हाउस में रंगरेलियों के समाचार किसी से छिपे नहीं है सलमान खान से लेकर तमाम इन जिहादियों का अब बहिष्कार ही अंतिम रास्ता है हिन्दू धर्मो के त्योहारों पर ज्ञान पेलने वाले और अन्य धर्म पर चुप रहने वाले गद्दारों का अब पूर्ण बहिष्कार हो
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