पॉल्युशन के सारे दांवे झूठे साबित, दीवाली के अगले दिन दिल्ली में पिछले एक हफ्ते का सबसे कम पॉल्युशन दर्ज
दिल्ली की जनता ने NGT और केजरीवाल सरकार दोनों के आदेश का पालन करने से जैसे मना कर दिया। दीवाली की रात दिल्ली के हर गली मोहल्ले, कॉलोनी में खूब पटाखे चले। कई लोगो के मुताबिक पिछले कई सालों के बाद दिल्ली वालों ने इतने पटाखे चलाये।
माना जा रहा हैं कि ये एक मौन सविनय अवज्ञा आंदोलन का रूप था जिसमे NGT और केजरीवाल सरकार के पटाखों पर बैन के ऑर्डर के बावजूद जनता ने चुचाप आर्डर की अवहेलना करने का निर्णय कर लिया।
नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली-एनसीआर में 30 नवंबर तक सभी तरह के पटाखों की बिक्री व उपयोग पर प्रतिबंध लगा रखा है। बावजूद इसके दिवाली पर खूब आतिशबाजी हुई।
दिल्ली की सड़कों पर पड़ा हुआ पटाखों का मलबा इस बात की गवाही दे रहा है कि बीती रात को कैसे सभी कायदे कानूनों को ताख पर रखकर दिल्ली वालों ने पटाखे फोड़े हैं. दिल्ली में पटाखों की वजह से दिवाली की रात कितना नुकसान हुआ है इस बात का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि दिल्ली की अग्निशमन सेवा को आग लगने जैसी घटनाओं के लिए 200 से ज्यादा कॉल आए.
हिंदुओं के त्यौहारों के खिलाफ आर्डर देना पिछले कुछ समय से जैसे फैशन बन गया हैं। अब लगता है कि हिंदुओं ने ऐसे आदेशों की अवहेलना करने का नया तरीका शुरू किया हैं।
कल दिल्ली के हर इलाके में धुंआधार पटाखे चले।
मजेदार बात ये है कि आज सुबह दिल्ली में पिछले एक हफ्ते का सबसे कम पॉल्युशन दर्ज किया गया हैं। पटाखों से पॉल्युशन की बात करने वालों के मुंह पर ये एक जोरदार तमाचा हैं।
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