बिहार चुनाव के परिणाम आने के बाद प्रदेश के लोगों को सरकार के गठन का इंतजार था जो संपन्न हुआ।
कई चेहरों को मंत्री पद की सपथ भी दिलाई गई है पर जो सबसे अहम मुद्दा रहा वह उप मुख्यमंत्री पद का क्यूंकि मुख्यमंत्री नीतीश ही होंगे यह सब जानते थे।
उप मुख्यमंत्री के तौर पर पहली बार बिहार में दो नाम की घोषणा की गई है जिसमें तार किशोर प्रशाद के बारे में मैं अपने पहले लेख में बता चुका हूं।
रेणु देवी को दूसरे उप मुख्यमंत्री चुने जाने पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि उप मुख्यमंत्री का पद किसी ब्राह्मण या सवर्ण को क्यूं नहीं दिया गया है तो यह बहुत ही हास्यास्पद है।
बिहार प्रदेश में जहां मात्र 15% सवर्ण वोटर हैं और इसमें भी कई विधान सभा क्षेत्र में तो नाम मात्र हैं तो क्या सिर्फ सवर्ण समाज के वोट से भाजपा या एनडीए को सत्ता मिली है।
रेणु देवी के बारे में हमें अध्ययन करने की जरूरत है और यह भी समीक्षा करनी होगी कि आखिर क्यूं रेणु देवी को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।
अपनी जिंदगी को सिर्फ राजनीति के लिए समर्पित करने वाली नोनिया समाज से आने वाली दुर्गा वाहिनी शक्ति के लिए खुद को त्याग करने वाली महिला जिनके जीवन का लक्ष्य ही जन सेवा हो भला कहां कोई विकल्प रह जाता है कि उप मुख्यमंत्री कोई और हों।
रेणु देवी सिर्फ एक महिला विधायक ही नहीं है बल्कि बिहार के भविष्य को नया रूप देने वाली वो दुर्गा शक्ति है जो कि उनके विचार को पढ़ने के बाद अनुभव किया जा सकता है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि एनडीए की सरकार बनाने में महिला वोटरों की भूमिका अहम रही है और रेणु देवी उन सभी महिलाओं के लिए एक आवाज भी बनेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्र निर्माण के लिए कोई पिकनिक वाला नेता नहीं चाहिए ना ही जाति समीकरण वाला नेता , योगी आदित्यनाथ एक बहुत बड़ा उदाहरण हैं। उत्तर प्रदेश में जिस तरह से सरकार काम कर रही है पिछले 20 वर्षों तक नहीं हुआ ।
रेणु देवी बिहार का भविष्य हैं और कोई बड़ी बात नहीं भविष्य में बिहार की मुख्यमंत्री हों।
जिंदाबाद जिंदाबाद।
रेणु देवी जिंदाबाद।
दुर्गा वाहिनी शक्ति
जिंदाबाद जिंदाबाद।
महिला सशक्तिकरण
जिंदाबाद जिंदाबाद।
धन्यवाद
अमित कुमार।
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