कहते हैं न ,कर्म आगे आते हैं और वही हमारा आज और कल तय कर देते हैं | महाराष्ट्र के पालघर में दो वृद्ध निरीह साधुओं को पुलिस के साथ मिल कर घेर कर उनकी क्रूर तरीके से ह्त्या कर दी गई थी |
पूरे देश के साधु संत समाज के साथ साथ पूरा सनातन क्रोध से क्षुब्ध हो गया था ऐसे में महाराष्ट्र के गृह मंत्री और उनके अन्य मंत्री गण इसे अफवाह के कारण हुई साधारण ह्त्या भर करार देकर ,अपनी सरकार व राज्य पुलिस की कायरतापूर्ण हरकत का बचाव कर रहे थे |
अब खबर निकल कर आई है की। एनसीपी नेता संजय शिंदे , अपनी ही कार में अचानक शार्ट सर्किट की वजह से आग लगने और , कार में रखे सेनिटाइज़र के कारण आग के बुरी तरह फ़ैल जाने से उसी कार में झुलस कर ज़िंदा जल मरे |
संजय शिंदे जो पेशे से अंगूर उत्पादक व्यवसायी थे अपनी कार से अंगूर के खेतों में डालने वाली खाद खरीदने के लिए नासिक गए हुए थे | रास्ते में ही शार्ट सर्किट से उनकी कार में आग लग गई और सेन्ट्रल लॉक हो जाने के कारण वे कार का शीशा तोड़ कर भी बाहर निकल कर खुद को नहीं बचा सके |
कार में रखे सेनिटाइज़र ने इस अग्निकाण्ड में उत्प्रेरक के सामान काम किया और मिनटों में ही पूरी कार भक्क से जल गई |
हालाँकि किसी की मृत्यु पर उसका उपहास ,कारण आदि को देखना सनातन संस्कृति में उचित नहीं माना जाता किन्तु अभी थोड़े दिन पहले ही दो निरपराध संतों को पीट पीट कर मार डालने जैसे घृणित अपराध को भी जस्टिफाई करने के कारण लोग अपना गुस्सा अब खुद शिंदे के मारे जाने पर ये कह कर निकाल रहे हैं कि , इसे कहते हैं ईश्वर का न्याय |
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