वैसे तो भारत में आतंकवाद अब बस कश्मीर तक ही सिमट कर रह गया है
और वो भी यदा कदा
लेकिन एक सेकुलर कानून के तहत इसे भी काफी हद तक कम किया जा सकता है
भारत सरकार को घोषणा करनी चाहिये चूँकि समस्त विश्व व हम स्वंय भी मानते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता इसलिए भविष्य में जोभी आतंकवादी मारे जाऐंगे जाहिर है वो अपनी गलत पहचान पर ही आऐ होंगे और उनके धर्म की पहचान करना दुनिया में गलत संदेश देगा इसलिए सभी आतंकवादियों के शवों का भविष्य में दाह संस्कार पद्धति से अंतिम क्रिया की जाऐगी
इससे पूरे विश्व में संदेश जाऐगा की हम मुसलमानों को हमारे देश में अल्पसंख्यक होते भी उन पर आतंकवादी होने का आरोप नहीं लगाते
और दूसरा उनकी अगर कब्र बना दी जाऐ तो कुछ असमाजिक तत्व उनको आदर्श बना कर नवयुवकों को भटका सकते हैं
यकीन मानिये की इस कानून के बाद जैसे ही 10-20 शवों का दाह संस्कार किया जाऐगा और जैसे ही यह खबर कि भारत में अब सभी आतंकवादियों का दाह संस्कार किया जाता है
कोई भी आतंकवादि भारत नहीं आना चाहेगा
क्योंकि उनका धर्म उन्हें बताता है कि जिहाद करने से जन्नत मिलती है
और वही धर्म उन्हें बताता है और किसी पद्धति से क्रिया कर्म किये जाने से दोजख मिलती है
और आतंकवादि जन्नत के लालच में ही आते हैं
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