टीएमसी कोई राजनीतिक दल नहीं बल्कि देशद्रोहियों व गद्दारों का टोला है जितना जल्दी नाबुद हो उतना अच्छा है
पिछले कई वर्षों से पश्चिम बंगाल में धर्म के नाम पर त्योहारों के नाम पर राजनीतिक दलों के नाम पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा तथा इनकी नेतृत्व करने वाली आक्रांता और पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बानो द्वारा हर पल हर मौके पर भावनाओं को आहत करने का कार्य किया जाता रहा है हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलने के अलावा तथाकथित लोकतांत्रिक राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केवल राजनीतिक दल नहीं चला रही है बल्कि बांग्लादेशियों और रोहिंग्या ओं के लिए हिंदुस्तान में एक नई खेप तैयार करने का कार्य ममता बनर्जी द्वारा किया जा रहा है पिछले दशकों से सत्ता के नाम पर नवरात्र में देवी पूजा के नाम पर जिस प्रकार से बंगाल सरकार के निर्णय सामने निकल कर आते हैं और किसी भी प्रकार की यात्रा को बंगाल सरकार नहीं निकालने का फरमान जारी करती है उसी के साथ साथ जब मुसलमान कौम के त्योहार रहते हैं तो उसे सुरक्षा मुहैया कराई जाती है इस तरह का दोगलापन पश्चिम बंगाल में पिछले कई वर्षों से देखने को मिल रहा है
हिंदुस्तान की जनता इस बात को बहुत अच्छे से समझती है कि किस प्रकार से ममता बानो द्वारा धर्म के नाम पर हिंदुस्तान को तोड़ने का प्रयास पश्चिम बंगाल से किया जा रहा है उचित समय आने पर इसका जवाब भी ममता बनर्जी को मिलेगा और कुछ जवाब पिछले लोकसभा चुनाव में जहां टीएमसी अपने वर्चस्व को लेकर गडरिया दी थी वहीं पर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा जिस प्रकार से सेंध लगाई गई उससे ममता बानो का जो गुस्सा है वह सामने निकल कर आना स्वभाविक था पिछले कई वर्षों से हिंदू धर्म और हिंदू धर्म की आस्थाओं के ऊपर खिलवाड़ करने वाली है ममता बनर्जी हमेशा से ही देशद्रोही गतिविधियों में शामिल रही है देश के खिलाफ किसी भी प्रकार के निर्णय से जाने में ममता बनर्जी बिल्कुल भी समय नहीं लगाती है देशद्रोही व्यवस्थाओं का सहयोग करने में हमेशा ममता बनर्जी आगे रही है
हद तो तब हो जाती है जब आज 10 दिसंबर 2020 को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी आज बंगाल के दौरे पर जाते हैं और यह दौरा अधिकारिक रूप से 3 दिन का रहता है आज जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपनी सभा को संबोधित करने के लिए जा रहे होते हैं तब तरुण मूल कांग्रेस के झंडे के नीचे उनकी गाड़ियों के साथ तोड़फोड़ होती है उनके खुद के ऊपर जानलेवा हमले के इरादे से नुकीले पत्थरों से वार किया जाता है एक आम व्यक्ति किस हद तक पश्चिम बंगाल में सुरक्षित है इसका अंदाजा आप इसी से लगा लीजिए कि किसी विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर रहते हुए तथा जेड प्लस सिक्योरिटी होने के बावजूद अगर उनकी गाड़ी के कांच तोड़ दिए जाते हैं उन पर पत्थरों से हमला होता है तो आप कल्पना करिए कि पश्चिम बंगाल में कार्यकर्ता के साथ क्या-क्या नहीं होता होगा और एक आम व्यक्ति देशहित की किसी पार्टी के साथ खड़े रहने की क्या क्या कीमत नहीं चुका रहा होगा
केरल पश्चिम बंगाल और तेलंगाना आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में पिछले वर्षों से जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी तथा देश हित की भावना रखने वाले कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या हुई है उसके पीछे कहीं ना कहीं इस तरह की वामपंथी विचारधारा तथा एसी देशद्रोही विचारधाराएं सहभागी रही है जिन्होंने अपने बुलंद इरादों की वजह से अपनी नकारात्मक शैली की वजह से हिंदुस्तान के देश हित में कार्य करने वाले तमाम लोगों के बीच में डर पैदा करने का प्रयास किया है आज इस दर्द को मिटाने के लिए हिंदुस्तान के तमाम नागरिकों को आगे आना होगा और आगे आकर बुलंद आवाज में इस बात को कहना पड़ेगा कि जो इस देश के साथ नहीं है उसके साथ हिंदुस्तान का कोई भी नागरिक कभी खड़ा नहीं होगा यह पत्थर फेंकने वाले लोग हिंदुस्तान के कभी नहीं हो सकते किसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के ऊपर इस तरह से जानलेवा हमला करने वाले लोग कभी भी किसी विचारधारा से जुड़े हुए लोग नहीं हो सकते चंद पैसों पर दाल चावल के सामने खरीदे गए लोग जिनको केवल और केवल शिकार बताया जाता है और इनका काम केवल और केवल मानवीय व्यवस्था के खिलाफ जाकर जानलेवा हमला करके किसी व्यक्ति को जान से मारने की हिम्मत को दिखाना रहता है अब समय आ गया है कि ऐसी तमाम देश विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगे और देश के गृहमंत्री जल्द ऐसी व्यवस्था को तैयार करें जिससे नकारात्मक व्यवस्थाओं पर पाबंदी लग सके
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.