तथाकथित किसान आंदोलन जैसे – जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे – वैसे किसानों की मांगें बदलती जा रही हैं, पहले MSP के मुद्दे को लेकर ये आंदोलन शुरू किया गया पर जैसे ही सरकार ने इसपर लचीलापन दिखाया वैसे ही मुद्दा मंडियों को यथावत रखने का बना दिया गया, सरकार इसपर भी तैयार हो गई तो फर्जी किसान इस पूरे बिल को रद्द करने की मांग करने लगे। अब नित नए मोड़ लेते इस आंदोलन ने अपना असली चेहरा उजागर किया, काजू, किशमिश, बादाम खाने वाले किसान, फॉरच्यूनर जैसी बड़ी गाड़ियों वाले किसान अब आंदोलन के मंच से Jio का विरोध करने को कह रहे हैं, आंदोलन के मंच से अब आतंकियों को छोड़ने की मांग हो रही है साथ ही कश्मीर से हटाई गई धारा 370 वापस लाने और खालिस्तान की मांग भी उस मंच से की जा रही है, अब इस से साफ हो चला है कि इस पूरे आंदोलन के मूल में किसान है ही नहीं, ये तीन तिगाडा वाले लोग हैं।
आते हैं मुद्दे पर, Jio रिलायंस है ये हम सभी जानते हैं पर क्या आपको पता है कि रिलायंस भारतीय किसानों से अनुबंध करके फसलें और सब्जियां खरीदने का पूरा खाका तैयार किये बैठा है, रिलायंस की क्षमता का अंदाज़ा आप इसी से लगा सकते हैं कि आज भारत के जन-जन के हाथ मे मोबाइल थमाने वाला रिलाइंस है, इंटरनेट पर दूसरी मोबाइल कंपनियों की बादशाहत को धूल में मिलाने वाला रिलायंस है और आने वाले समय में ये कंपनी भारत के लिए न केवल अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल बनाने जा रही है, बल्कि पूरी दुनिया मे 5G के प्रचार और प्रसार में चीन को पछाड़कर भारत का तिरंगा सबसे ऊंचा करने वाली है, Huawei पर भारत ही नही अमेरिका सहित कई देशों ने प्रतिबंध लगाकर एक रास्ता खोल दिया है जिसका रिलायंस के ज़रिए देश को बहुत फायदा मिलने वाला है। ये ध्यान रहे कि देश की अर्थव्यवस्था को बल स्वदेशी संस्थाओं से ही मिलता है, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, मैकडोनाल्ड इत्यादि कंपनियों से उनके देश को भारी विदेशी मुद्रा और आर्थिक बल मिलता है, भारत मे भी अब टाटा, रिलायंस, अडानी जैसी संस्थायें देश को आर्थिक रूप से सुदृढ बनाने लगी हैं बल्कि रक्षा उपकरणों और हथियारों के निर्माण में भी उतर रही हैं, भारत के आत्मनिर्भर होने में ये संस्थाएं विशेष भूमिका निभाने जा रही हैं, इस क्रम में रिलाइंस सबसे आगे है, यही वो कारण है जिसके तहत Jio का विरोध किया जा रहा है। देश विरोधी ताकतें कभी नही चाहेंगी की भारत आर्थिक रूप से इतना मजबूत हो जाये कि चीन जो कि इन वामपंथियों का नाज़ायज़ बाप है भारत उस से आगे चला जाये।
ये विरोध केवल Jio का नहीं है, ये विरोध भारत के राफेल बनाने का है, ये विरोध आपके हाथ मे मोबाइल आ जाने का है, ये विरोध देश के आत्मनिर्भर होने का है, ये विरोध उस किसान का है जो उचित दाम पर अपनी फसल बेचना चाहता है, दुर्भाग्य ये की ये सब उसी किसान के नाम पर हो रहा है। इस षड्यंत्र को समझिए और समझाइए और आइये मिलकर इसे नाकाम करते हैं।
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