इस पोस्ट में आपने पढ़ा देखा था कि कैसे असम में रहने वाले बदरुद्दीन अजमल ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी एक NGO के नाम पर विदेशों में स्थित अपने आतंकी आकाओं से हवाला के जरिये विदेशों से करोड़ों रुपये मंगवा कर उसका दुरूपयोग किया। जिसकी शिकायत के बाद पुलिस ने उस पर मुकदमा दर्ज़ करके जाँच शुरू कर दी है।
इससे बौखलाए और नाराज़ हुए अजमल ने अब न सिर्फ इसकी शिकायत करने वाले हेमंत विश्वास और लीगल राइट ऑब्जर्वेटरी को धमकी देनी शुरू कर दी है बल्कि ब्रिटेन और तुर्की में बैठे अपने इन आतंकी संगठनों और अपने आकाओं से भी इस मामले पर मदद माँगी है।
ये जहॉँ एक तरह इस बात का सबूत है कि अजमल पर लगे आरोपों में निश्चित रूप से सच्चाई है और वहीँ दूसरी ओर एक खतरनाक ईशारा भी है कि कैसे विदेशी ताकतें और विशेषकर मुगलिया आतंकी संगठन एक बड़ी साजिश के तहत से सब यहाँ भारत में करवा रहे हैं। मोदी सरकार के आने और लगातार इनके विरूद्ध कानून बनाने से इनके ये सारे धंधे बंद होने के कगार पर हैं इसलिए अब इनकी खीज और झल्लाहट अपने चरम पर है।
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