भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को थी जान से मारने की साजिश… बुलेट प्रूफ गाड़ी होने की वजह से बच गए, दीदी तो डायन निकली..!!
4 दिन पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा तथा भाजपा नेता संबित पात्रा, राकेश सिंह, कैलाश विजयवर्गीय तथा कुछ अन्य स्थानीय नेताओं के साथ कोलकाता के “मगर हाट” में एक रैली का आयोजन आगामी चुनाव को देखते हुए किया गया था आप सभी ने देखा होगा कि जब रैली के लिए यह तमाम भाजपा नेता मंच की तरफ बढ़ रहे थे तो उस क्षेत्र में उनके ऊपर पत्थरों से हमला किया गया उनकी गाड़ी के पास तोड़े गए बड़े-बड़े पत्थर फेंके गए आप लोगों ने वीडियो के माध्यम से देखा होगा लोकतांत्रिक देश में इस तरह की घटनाएं बहुत निंदनीय है और किसी भी राजनीतिक दल के किसी भी पदाधिकारी पर या कार्यकर्ता पर इस तरह का हमला अपने आप में लोकतंत्र पर हमला है सत्ता में रहना है या नहीं रहना एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है जनता जनार्दन के समर्थन के बाद ही यह तय हो पाता है कि किस को सत्ता में रहना किस को सत्ता में नहीं रहना परंतु 4 दिन पहले हुई घटना को हम केवल हमले तक ही सीमित रखें तो यह कहीं ना कहीं हम सबकी अंधे की होगी क्योंकि वहां के कुछ चश्मदीद गवाह हैं जिन्होंने खुद बताया कि यह एक हमला नहीं था बल्कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को जान से मारने की साजिश थी
रैली के ठीक पहले दिन तृणमूल कांग्रेस टीएमसी के 4 एमएलए वहां के क्षेत्र के स्थानीय हैं उसमें सबसे मुख्य रूप से असदुद्दीन मूल्य यह जो मगर हाट के एमएलए हैं इनके साथ तीन दूसरे एमएलए मिलकर 4 एमएलए ने पहले दिन एक रोड के ऊपर टेंट लगाकर उसी रास्ते में एक रैली का आयोजन किया और भारतीय जनता पार्टी के जितने भी बैनर पोस्टर लगे थे और जो स्वागत गेट लगा था उन सब को तोड़ दिया तथा उसी दिन रात को उस क्षेत्र में कुछ ऐसे बांग्लादेशी आतंकवादियों को बिठा दिया कि कल सुबह जब जेपी नड्डा की गाड़ियां यहां से गुजरेगी काफिला यहां से गुजरेगा तब बड़े-बड़े पत्थरों से लाखों से पार्टी के झंडे वाले डंडों से हमला करना है और उसके साथ साथ सामने की बिल्डिंग पर कुछ ऐसे लोगों को भी निशानेबाजों को बिठा दिया बंदूक लेकर कि वहां से सीधा गोली चला सके और देखिए लोकतंत्र के साथ कितना क्रूर मजाक होता है जेपी नड्डा की गाड़ियां वहां से गुजर रही होती है उस समय हमारा ध्यान केवल पत्थर पर होठों पर रहता है लेकिन चश्मदीद के कहे अनुसार वहां उस गाड़ी पर गोलियां भी चलती है लेकिन गाड़ी बुलेट प्रूफ होने की वजह से जेपी नड्डा तक वह गोली नहीं पहुंच पाती है कहीं ना कहीं यह बात बहुत कुछ इशारा हम सब कर रही है कि हमारे ही देश हिंदुस्तान के अंदर जाता है और उन पर जानलेवा हमला होता है यह कहां का लोकतंत्र है यह कहां की लोकतांत्रिक प्रक्रिया है हिंदुस्तान के संविधान के हिसाब से इस तरह का कोई भी करते हिंदुस्तान में स्वीकार नहीं होगा लेकिन बावजूद उसके इस तरह की गतिविधियां कहीं ना कहीं इस बात का इशारा कर रही है कि अगर आपने हमारे सामने खड़े होने की हिम्मत की तो अप रास्ते से हटा दिए जाओगे
चश्मदीद का कहना है कि जैसे ही राकेश सिंह ने गाड़ी से थोड़ा बाहर निकल कर जय श्री राम का नारा लगाया तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने तुरंत हमला बोल दिया यह हरकत कहीं ना कहीं इस बात का एहसास कराती है कि ममता बनर्जी को जो जय श्री राम से इतनी चिढ़ है उसका परिणाम उनको आगामी चुनाव में भुगतना पड़ेगा और टीएमसी आगामी चुनाव में सत्ता के गलियारों में नजर नहीं आएगी
चश्मदीद खुलेआम अपने बयान में बार-बार तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का नाम ले रहा है बार-बार टीएमसी के गुंडों का नाम ले रहा है केंद्रीय गृह मंत्रालय को इससे बड़ा सबूत कुछ नहीं मिल सकता और वहां की जितनी भी प्रशासनिक व्यवस्था है उसके ऊपर कार्यवाही करने से कोई नहीं रोक सकता केंद्रीय मंत्रालय को तुरंत प्रभाव से उस क्षेत्र के दायरे में आने वाले तमाम प्रशासनिक वर्ग के लोगों को वहां से उठाकर किसी दूसरी जगह ट्रांसफर करना चाहिए या निलंबित करना चाहिए क्योंकि तृणमूल कांग्रेस जैसी गुंडई पार्टी के कार्यकर्ताओं के बाद दिमाग की वजह से हिंदुस्तान के नागरिक का हित जाने वाली किसी राजनीतिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नुकसान हो ऐसा कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा यह सरासर हत्या की साजिश थी ममता बनर्जी सरकार द्वारा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हत्या करके उनके इरादों को उनके हौसलों को तोड़ने की एक साजिश थी जिसमें वह नाकाम हुई और उसके बाद में उसका जिस तरह से स्टेटमेंट आया वह बहुत ही बहुत और पूछा था किसी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह का बयान देना अपने आप में एक बौखलाहट नजर आ रही थी कि कैसे जेपी नड्डा की एक छोटी सी से वह बौखला गई है कल्पना के लिए जब चुनाव के समय में भारतीय जनता पार्टी और तमाम राष्ट्रवादी जब बंगाल की तरफ कूच करेंगे तब इनकी क्या हालत होगी ऐसे आतंकवादी संगठनों और आतंकवादी गतिविधियों को सहयोग करने वाली राजनीतिक दल तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ फेंकने में ज्यादा समय नहीं लगेगा आज जहां झंडा लगाने के लिए लोग डरते थे वहां चश्मदीद खुलकर बाहर आ रहे हैं और सरकार के खिलाफ बयान दे रहे हैं यह कहीं ना कहीं लोकतंत्र की जीत है यह इस बात का पता करवा रही है कि लोगों के अंदर अब वो डर नहीं रहा है जो डर ममता बनर्जी ने पिछले दो दशकों से बना रखा है बंगाल के लोग प्यार से ममता बनर्जी को दीदी कहते हैं लेकिन यह दीदी नहीं डायन है जो बंगाल का भला चाहती है मानवता का भला चाहती है
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