लुटियंस मीडिया परमवीर की चिट्ठी का केवल एक पक्ष दिखा रहा है लेकिन जो चिट्ठी का सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है उसे बिकाऊ मीडिया ने सिरे से गायब कर दिया है।
चिट्ठी के 12 वे, 17 वे व 18 वे पॉइंट में परमवीर सिंह ने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गम्भीर आरोप लगाए है…जिससे उद्धव सरकार(कांग्रेस Ncp, शिवसेना) के डेढ़ वर्षीय शासन के दौरान हुए काले कारनामों की कलई खुल गई है।
चिट्ठी में लिखे 17-18 वे पॉइंट के अनुसार अनिल देशमुख प्रत्येक बड़े केस की जाँच से पूर्व मुंबई कमिश्नर या जांच अधिकारियों को बुलाकर जांच की मेरिट तय करते थे…अर्थात जांच से होने से पूर्व ही तय हो जाता था कि जांच कैसे होगी और रिजल्ट क्या होना चाहिए.
इस खुलासे के बाद सुशांत, दिशा के केस में उद्धव सरकार पर शक पुनः गहरा गया है. शक की सुइयां 360° घूम चुकी है क्योंकि सुशांत की मौत को आत्महत्या बताने वाले पहले बड़े शख्स अनिल देशमुख ही थे।


मामला केवल 100 करोड़ की घूंस या उगाही तक सीमित नही है जैसा कि केवल चिट्ठी का एक पक्ष हाईलाइट कर दिखाया जा रहा है.. मामला इससे कहीं अधिक बढ़कर हो सकता है जिसे लुटियंस मीडिया दबा रही है।

(स्त्रोत: सोशल मीडिया)

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