पश्चिम बंगाल में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे जमीन पर बीजेपी की स्थिति और ज्यादा मजबूत होती जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो पहले शहरों में बीजेपी का वर्चस्व तृणमूल कांग्रेस पर भारी था, मगर अब धीरे-धीरे गांव में भी बीजेपी की बयार बह रही है। नंदीग्राम में जिस तरह से ममता बनर्जी ने खुद के ऊपर हमले की बात कहते हुए इमोशनल कार्ड खेला उस कार्ड का असर भी बेअसर ही साबित हो रहा है। 


राजनीति के जानकारों की मानें तो ममता बनर्जी ने अपने पांव पर चोट जल्दी लगवा ली , अगर यह चोट वह वोटिंग से एक हफ्ते पहले लगवाती तो इसका फायदा निश्चित तौर पर उन्हें मिलने की संभावना थी। ममता बनर्जी के पांव पर लगी चोट पर चले इमोशनल कार्ड की हवा निकलती देख बीजेपी भी अंदरूनी तौर पर दांत निपोर कर मुस्कुरा रही है, क्योंकि राजनीतिक पंडित यह मानकर चल रहे हैं कि ममता बनर्जी ने जल्दबाजी में अपने पांव पर चोट लगवा ली जबकि यह चोट वोटिंग से महज एक हफ्ते पहले लगती तो ममता को इसका हल्का-फुल्का फायदा मिल सकता था।


पांव पर लगी चोट के बाद ममता बनर्जी की कई तस्वीरें भी वायरल हुई जिसमें वह अपने चोटिल पांव के ऊपर ठीक पांव रखकर जनता को संबोधित कर रही है। इसके अलावा ममता बनर्जी की वह तस्वीरें भी काफी वायरल हुई जिसमें पक्का प्लास्टर महज दो दिन में ही उतर गया और उसके बाद में गर्म पट्टी उनके पांव पर बंध गई। जाहिर है ममता के पांव पर लगी चोट ममता के लिए एक राजनीतिक टूल साबित हो सकती थी जिसे ममता ने जल्दबाजी में waste कर दिया।

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