इमरान हुसैन: चेहरा जाना पहचाना है ना? काम भी बड़ा जाना पहचाना लगेगा, दरअसल ये कौमी तौर पर ताहिर हुसैन के भाई हैै, वही ताहिर हुसैन जिसने दिल्ली दंगों की साज़िश रची थी, जिसने अंकित शर्मा की निर्मम हत्या की और जिसने पढाई करके लौट रही एक बारह वर्ष की बच्ची को सामूहिक बलात्कार करके मार डाला और शव नाले में फ़ेंक दिया। इनके भाई के कारनामे अगर आपको भयानक लगे तो थोड़ा ठहरिये, ज़रा इनकी कारगुज़ारियां भी सुन लीजिये, इनके घर से आज पुलिस ने छापा मारकर 637 ऑक्सीजन सिलिंडर बरामद किये हैं, आज जब दिल्ली की जनता एक एक सांस को तरस रही है उस समय ये आदमी इतने सिलिंडर घर में किस उद्देश्य से छुपा कर बैठा था वो समझने की आवश्यकता है, इसके भाई ने तेज़ाब, पेट्रोल बम और हथियार आपको मारने के लिए छुपाये थे, इन जनाब ने आपकी सांस रोकने का पूरा प्रबंध कर रखा था, दोनों का उद्देश्य आपकी लाश गिराना ही था।

नवनीत कालरा: ये नाम शायद आपने पहले भी सुना होगा, नहीं याद आया तो याद दिलाता हूँ, ये दिल्ली के सबसे महंगे खान मार्किट के शोरूम खान चाचा और उसकी सभी ब्रांच के मालिक हैं, नवनीत कालरा, इनका आम आदमी पार्टी और केजरीवाल से कितना गहरा नाता है ये आप इस से समझ लीजिये की शपथ ग्रहण में केजरीवाल ने जिन पचास लोगों को मंच पर आमंत्रित किया था ये उनमे से एक है। इनके शोरूम पर आज जब पुलिस ने छापा मारा तो वहां से उनको 96 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर बरामद हुए और इनके अलग अलग शोरूम में छापा मारा गया तो वहां से 524 ऑक्सीजन सिलिंडर बरामद हुए, इन्होने आज इमरान हुसैन को ऑक्सीजन जिहाद में कड़ी टक्कर दी।

अभी तो बस शुरुवात है, और छापे पड़ने दीजिये तब आपको पता चलेगा की दिल्ली सरकार में बैठे लोग वास्तव में लाश खाने वाले गिद्धों के अतिरिक्त कुछ नहीं हैं, सोचिये क्या ये लोग जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से मारे गए 25 लोगों के हत्यारे नहीं है? क्या बत्रा अस्पताल में गई 12 जानों के ये दोषी नहीं है? उन 12 लोगों में एक वरिष्ठ चिकित्सक भी था, दिल्ली की सड़कों पर दम तोड़ने वाले NSG कमांडो की मौत के ज़िम्मेदार क्या ये लोग नहीं हैं? इस नाकाम सरकार ने केंद्र सरकार को बदनाम करने के लिए कितने निर्दोष लोगों को अपनी राजनितिक महत्वकांक्षा की बलि चढ़ा दिया। पर्याप्त ऑक्सीजन होते हुए भी लोग तड़प तड़प के मरते रहे और ये कभी गुप्त मीटिंग सार्वजनिक करके, कभी अदालत जा कर और कभी प्रेस कांफ्रेंस करके लोगों को उकसाते रहे।

ये आपदा दरअसल दिल्ली में हुआ अबतक का सबसे बड़ा जिहादियों, नक्सलियों और खालिस्तानियों का संयुक्त हमला है। इन सभी दोषियों की सारी संपत्ति सरकार कब्ज़े में लेकर इनपर हत्या का मुकदमा चलाये। ऑक्सीजन ऑडिट से भागती दिल्ली सरकार का ये भयानक चेहरा बेहद वीभत्स और डरावना है।

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