कथित किसान आंदोलन में जिस तरह से किसान मुकेश की शराब पिलाकर जिंदा जलाकर हत्या की गई है उसमें अब एक नया मोड़ सामने आ रहा है। सूत्रों की माने तो जिन आरोपियों ने मुकेश की जलाकर हत्या की है वह मुकेश की स्वर्ण जाति से नफरत करते थे।दरअसल हरियाणा के झज्जर जिले के बहादुरगढ़ तहसील का ग्राम कसार ब्राह्मण बहुल है। इसी गाँव का रहने वाला था 42 साल का मुकेश। दिल्ली से जब आप हिसार की तरफ बढ़ते हैं तो टिकरी बॉर्डर के आगे सड़क के एक तरफ इन्हीं प्रदर्शनकारियों का कब्जा है। इनके टेंट सड़क पर ही बने हैं। इसी सड़क (जिसे बाइपास कहते हैं) से सटा है कसार।

‘ऑप इंडिया’ की खबर के मुताबिक सरपंच टोनी कुमार ने बताया कि “मुकेश को हॉस्पिटल पहुँचाकर वे किसानों के टेंट में गए और आवाज लगाई कृष्ण। एक आदमी बाहर आया जो नशे में धुत था। उससे जब कहा कि मुकेश ने तुम्हारा नाम लिया है तो उसने जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया।” इस घटना के बाद टोनी कुमार ने एक फेसबुक पोस्ट लिखी थी और दावा किया था कि मुकेश को ‘ब्राह्मण’ होने के कारण निशाना बनाया गया। इस संबंध में पूछे जाने पर वे कहते हैं कि मेरे पास कृष्ण का वीडियो है, जिसमें उसने यह बात कही है। वे यह भी दावा करते हैं कि इस सबके पीछे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत हैं। टोनी कुमार ने कहा कि टिकैत ने ही सबसे पहले कहा था कि ब्राह्मणों से हिसाब लिया जाएगा। जब उनके नेता जहर भरेंगे तो नीचे के वही काम करेंगे। वे इसके पीछे साजिश की आशंका जताते हुए कहते हैं कि इस घटना को सरकार को बदनाम करने के लिए अंजाम दिया गया।

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